नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने गांव वापस लौट आए हैं। अब सरकार के सामने उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की चुनौती है। इस समस्या से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 50,000 करोड़ रुपए की रोजगार गारंटी देने वाले गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान की शुरुआत बिहार के खगडि़या जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहार गांव से की गई है। शुरुआत में इस योजना के तहत 25,000 श्रमिकों को 125 दिनों तक रोजगार प्रदान किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओड़िशा के 116 जिलों में प्रत्येक से 25,000 श्रमिकों को चुना गया है। इनमें 27 पिछड़े जिले भी शामिल हैं। इन जिलों के तहत करीब 66 प्रतिशत प्रवासी श्रमिक आएंगे। छह राज्यों के 116 जिलों के गांव इस कार्यक्रम से साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) और कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिये जुड़ेंगे। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। यह अभियान 125 दिनों का है, जिसमें प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए 25 तरह के लोक निर्माण कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
साथ ही इसके जरिये देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा खड़ा किया जाएगा। इसके लिए 50,000 करोड़ रुपए के संसाधन लगाए जाएंगे। यह 50,000 करोड़ रुपए बजट का हिस्सा है। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें सभी जिलों में घर लौटे श्रमिकों से सीधे संपर्क कर रही हैं। सभी संपत्ति सृजन का हिस्सा होंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना का समन्वय 12 अलग-अलग मंत्रालय करेंगे, जिनमें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि मंत्रालय शामिल हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार की 25 योजनाओं को एक साथ लाया जाएगा और ये श्रमिक ग्राम पंचायत भवन और आंगनवाड़ी केंद्र, राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे और जल संरक्षण परियोजनाओं में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हम 116 जिलों में 25 अलग-अलग कार्यों के लिए पैसा पहले ही डाल देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इन जिलों के सभी प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिल सके।