नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 7,500 करोड़ रुपए की लागत से बने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन किया। इससे दिल्ली से मेरठ की यात्रा के समय में उल्लेखनीय कमी आएगी। दिल्ली के सराय काले खान से यूपी गेट तक फैले इस 14 लेन के राजमार्ग का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री एक खुली कार में सवार हुए और राजमार्ग के दोनों ओर बड़ी संख्या में एकत्र लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। सड़क परिवहन एवं पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी एक अलग खुली कार में मोदी के साथ चल रहे थे।
यह रोड शो निजामुद्दीन पुल से शुरू हुआ। यह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के करीब नौ किलोमीटर लंबे पहले चरण का शुरूआती हिस्सा है। इस मार्ग पर छह किलोमीटर चलने के बाद मोदी उत्तर प्रदेश के बागपत पहुंचे जहां उन्होंने देश के पहले स्मार्ट और हरित राजमार्ग ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली के अंदर आज जितनी गाड़ियां पहुंचती हैं, उसमें से अब लगभग 30 प्रतिशत की कमी आ जाएगी। ना सिर्फ बड़ी गाड़ियां और ट्रक बल्कि 50 हज़ार से अधिक कारों को भी अब दिल्ली शहर के अंदर एंट्री की जरूरत नहीं पड़ेगी, ऐसी व्यवस्था बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली-NCR में सिर्फ जाम की ही समस्या नहीं है, प्रदूषण की भी एक बड़ी समस्या है। जो साल दर साल और विकराल रूप लेती जा रही है। प्रदूषण की समस्या का एक कारण दिल्ली में आने-जाने वाली गाड़ियों और लंबे ट्रैफिक जाम हैं।
सरकार द्वारा जारी इस परियोजना के एक विज्ञापन के अनुसार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पहले चरण में 14 लेन के राजमार्ग पर नौ किलोमीटर मार्ग के निर्माण पर 842 करोड़ रुपए की लागत आई है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से डासना के बीच करीब 28 किलोमीटर मार्ग पर एक साइकिल ट्रैक बनाया गया है। इस एक्सप्रेसवे की वजह से दिल्ली से मेरठ की यात्रा का समय घटकर 45 मिनट रह जाएगा। अभी इसमें करीब ढाई घंटे का समय लगता है। इस परियोजना की पूरी लंबाई 82 किलोमीटर है। इसमें से 27.74 किलोमीटर हिस्सा 14 लेन का होगा, जबकि शेष एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा।
इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली-मेरठ रोड पर 31 ट्रैफिक सिग्नल हट जाएंगे। यह सिग्लन या लालबत्ती मुक्त क्षेत्र हो जाएगा। यह इस इलाके का सबसे व्यस्त मार्ग है। मोदी ने दिसंबर 2015 में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी थी। इसके निर्माण की लागत 7,566 करोड़ रुपए थी।
इस परियोजना का निर्माण चार खंडों-निजामुद्दीन पुल से यूबी बॉर्डर, यूपी बॉर्डर से डासना, डासना से हापुड़ और हापुड़ से मेरठ-में किया गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर डासना-हापुड़ के 22 किलोमीटर के खंड को छह लेन का करने पर 1,122 करोड़ रुपये की लागत आई है।