नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में दो दिवसीय हिमाचल प्रदेश वैश्विक निवेशक सम्मेलन 2019 का उद्घाटन किया। उद्घाटन मौके पर वैश्विक निवेशक सम्मेलन में लगी एक प्रदर्शनी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवलोकन किया। उनके साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2019 को संबोधित करते हुए कहा कि उद्योगपतियों को प्रोत्साहन देने के पूर्व के चलन की बजाए बेहतर निवेश माहौल बनाने के लिए मुकाबला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निवेशक राज्यों को देखकर निवेश करते हैं कि किस राज्य में कितनी छूट मिल रही है। पहले इस प्रकार के इन्वेस्टर समिट देश के कुछ ही राज्यों में हुआ करते थे। यहां अनेक ऐसे साथी मौजूद हैं जिन्होंने पहले की स्थितियां देखी हैं। लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं और इसकी एक गवाह यहां हिमाचल में हो रही ये समिट भी है।
पीएम मोदी ने कहा कि बेवजह के नियम कायदे, सरकार का बहुत ज्यादा दखल कहीं न कहीं उद्योगों के बढ़ने की रफ्तार को रोकता है। मुझे खुशी है कि इसी सोच के साथ हिमाचल प्रदेश सरकार भी काम कर रही है। धर्मशाला में पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट ये कल्पना नहीं, सच्चाई है, अभूतपूर्व है, अद्भुत है। ये हिमाचल प्रदेश का एक स्टेटमेंट है, पूरे देश को, पूरी दुनिया को कि हम भी अब कमर कस चुके हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में विकास की गाड़ी नई सोच, नई अप्रोच के साथ 4 पहियों पर चल रही है। एक वील सोसायटी का, जो एस्पायरिंग है। एक वील सरकार का, जो नए भारत के लिए एनकरेजिंग है। एक वील इंडस्ट्री का, जो डेयरिंग है और एक वील ज्ञान का, जो शेयरिंग है। आज के ग्लोबल सीनेरियो में, भारत अगर आज मजबूती से खड़ा है, तो इसलिए, क्योंकि हमने अपनी अर्थव्यवस्था के फंडामेंटल्स को कमजोर नहीं पड़ने दिया है। हमने मैक्रो-इकॉनमी में अपनी प्रतिबद्धता निरंतर बनाए रखी है और Fiscal Discipline का कड़ाई से पालन किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि कल ही हमने देश के मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए एक और बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले से साढ़े चार लाख से ज्यादा परिवारों के अपने घर के सपनों को, उनके बरसों से अधूरे सपनों को पूरा करने में मदद मिलेगी। पीएम ने कहा कि हमारे यहां हर राज्य में अनेक संभावनाएं हैं, राज्य के हर जिले में अनेक संभावनाएं हैं, बहुत ऊर्जा है। इस ऊर्जा का जितना ज्यादा लाभ सरकारें, हमारा उद्योग जगत, हमारे लघु उद्योग, हमारा सर्विस सेक्टर उठाएगा, उतनी ही तेजी से हम आगे बढ़ेंगे।
हिमाचल प्रदेश वैश्विक निवेशक सम्मेलन में आठ प्रमुख क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को प्रदर्शित किया जाएगा। ये आठ क्षेत्र हैं- कृषि, विनिर्माण, फार्मास्युटिकल्स, पर्यटन, होटल, नागर विमानन, पनबिजली और नवीकरणीय ऊर्जा। इस सम्मेलन में राजनयिक, कॉरपोरेट क्षेत्र के दिग्गज, वरिष्ठ नीति निर्माता, विकास एजेंसियां और दुनिया भर के निवेशक हिस्सा ले रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश ने ऑनलाइन एकल खिड़की प्रणाली लागू की है, इसके तहत सभी क्षेत्रों में निवेश के लिए मंजरियां प्रदान की जाती हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश ने 85,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है और अब तक 83,000 करोड़ रुपए निवेश के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। ठाकुर ने कहा, 'प्रोजेक्ट को द्रुत गति से मंजूरी दिलाने, बुनियादी ढांचा के विकास, मानव पूंजी और सामाजिक कल्याण में सतत निवेश, के लिए हम प्रगतिशील नीति पेश करेंगे।' पहले वैश्विक निवेशक सम्मेलन से रोजगार के अवसर पैदा होने और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने का लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद की जा रही है। प्रदेश की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष में 7.3 फीसदी रहने की उम्मीद की जा रही है।