नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के दौरान देश के मैन्युफैक्च र्स और इंडस्ट्री लीडर्स से 'जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट' की सोच के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा है कि 'वोकल फार लोकल' की बात घर-घर में गूंज रही है, ऐसे में सुनिश्चित करना होगा कि हमारे प्रोडक्ट ग्लोबल हों। जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट की सोच के साथ काम करने का यह उचित वक्त है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं देश के मैन्युफैक्च र्स और इंडस्ट्री लीडर्स से आग्रह करता हूं कि देश के लोगों ने मजबूत कदम उठाया है, मजबूत कदम आगे बढ़ाया है। वोकल फार लोकल ये आज घर-घर में गूंज रहा है। ऐसे में, अब, यह सुनिश्चित करने का समय है, कि, हमारे प्रोडक्ट विश्वस्तरीय हों।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापत्तनम निवासी वेंकट मुरलीप्रसाद के नए आइडिया के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, वेंकट ने लिखा है, मैं आपको 2021 के लिए अपना एबीसी अटैच कर रहा हूं। मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि आखिर एबीसी से उनका क्या मतलब है? तब मैंने देखा कि वेंकट ने चिट्ठी के साथ एक चार्ट भी अटैच कर रखा है। मैने वो चार्ट देखा और फिर समझा कि एबीसी का उनका मतलब है-आत्मनिर्भर भारत चार्ट। यह बहुत ही दिलचस्प है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि वेंकट ने उन सभी चीजों की पूरी लिस्ट बनाई है, जिन्हें वो प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं। वेंकट ने कहा है, हम जाने-अनजाने में उन विदेशी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनके विकल्प भारत में आसानी से उपलब्ध हैं। अब उन्होंने कसम खाई है कि उसी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करेंगे, जिनमें देशवासियों की मेहनत और पसीना लगा हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, वेंकट ने कुछ और भी ऐसा कहा है, जो मुझे काफी रोचक लगा है। उन्होंने लिखा है कि हम आत्मनिर्भर भारत का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन हमारे मैन्युफैक्च र्स, उनके लिए भी साफ संदेश होना चाहिए कि वे प्रोडक्ट्स की क्वालिटी से कोई समझौता न करें। बात तो सही है। जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट की सोच के साथ काम करने का यह उचित समय है।