नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश एवं विदेश की दिग्गज तेल एवं गैस कंपनियों एवं विशेषज्ञों के साथ बैठक में ऊर्जा क्षेत्र की तुलना सूरज के सात घोड़ों से की। उन्होंने कहा कि अगर इस रथ को चलाना है तो हमें संतुलन बनाना होगा। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष अमिताभ कांत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सूर्य के सात घोड़ों की तुलना परमाणु, कच्चा तेल, कोयला, गैस, बायोमास, पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा से की। हिंदू मान्यता के अनुसार सूरज के रथ को सात घोड़े खींचते हैं।
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उन्होंने कहा, अगर हम रथ को बेहतर ढंग से आगे बढ़ाना चाहते हैं तो हमें ऊर्जा के सातों स्रोत में संतुलन बनाना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अवसरों का देश है और यहां कंपनियों के लिये काफी संभावना है। अनुसंधान एवं विकास से लेकर खोज एवं उत्पादन में कंपनियों के लिए काफी संभावना है। उन्होंने बायोमास, कोल गैसीकरण और मिथेन गैस के उत्पादन पर जोर दिया।
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मोदी ने कंपनियों के समक्ष पूर्वी क्षेत्र पर विशेष जोर देते हुए कहा कि वहां काफी संसाधन और कार्यबल है जिससे विकास की काफी संभावना है।