चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत व फ्रांस के बीच विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के अवसर हैं। उन्होंने कहा, यह एक दूजे के लिए बने जैसा है। फ्रांस के पास जो है वह हमारी जरूरत है और जो आपको चाहिए वह बाजार हमारे पास है। मोदी यहां फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद की उपस्थित में दोनों देशों के प्रमुख उद्योगपतियों व कंपनी अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज घोषणा की कि देश में पिछली तिथि से टैक्स की विवादास्पद व्यवस्था अब बीते जमाने की बात हो गई है और भारत में यह अध्याय अब दुबारा नहीं खोला जाएगा। मोदी का यह बयान स्थिर कर प्रणाली को लेकर विदेशी निवेशकों की चिंताएं दूर करने के उद्देश्य से आया है।
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50 मेट्रो स्टेशनों के इंफ्रास्ट्रक्चर में मदद करे फ्रांस
मोदी ने कहा, हम अपने रेल बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना चाहते हैं। हम 50 मेट्रो स्टेशनों के लिए बुनियादी ढांचा खड़ा करना चाहते हैं और फ्रांस में यह करने की क्षमता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इनोवेशन फ्रांस की सबसे बड़ी ताकत है। मोदी ने कहा कि भारत व फ्रांस दोनों इस क्षेत्र में मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने देश के बुनियादी ढांचे, रेल नेटवर्क व नवोन्मेष में सुधार के लिए फ्रांस की मदद चाही। मोदी ने कहा, हमारे विकास माडल को फ्रांस की विशेषज्ञता की जरूरत है। हमें बुनियादी ढांचे, रेल, समुद्री व जलमार्ग के क्षेत्र में आगे बढ़ना है।
टैक्स नीति को स्पष्ट बनाने पर जोर
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि विदेशी निवेशक भारत में आगामी 15 साल तक की कर प्रणाली को लेकर स्पष्ट रहें। उन्होंने कहा, मैं स्थिर व्यवस्था व भरोसेमंद काराधान प्रणाली के पक्ष में हूं। सरकार यह भरोसा सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठा रही है। यह सरकार स्थिर व पूर्वानमेय कर प्रणाली के लिए जानी जाती है। इस संदर्भ में उन्होंने 2012 में आयकर कानून में संशोधन के जरिए लागू की गई पिछली तारीख से कर व्यवस्था का संदर्भ दिया। उसके कारण विशेषकर विदेशी निवेशकों में काफी बेचैनी देखने को मिली और इसके खिलाफ बहुत शोर हुआ।