नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राज्य सरकारों से अपील की कि वे आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए पूंजीगत व्यय और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की रफ्तार तेज करें। नीति आयोग संचालन परिषद की तीसरी बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आयोग द्वारा तैयार की लंबी, मध्यम और लघु अवधि की योजनाओं से सभी राज्यों को लाभ होगा।
उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि नीति आयोग 15 साल की दृष्टि, सात वर्ष की मध्यम अवधि की रणनीति तथा तीन साल के कार्रवाई एजेंडा के साथ काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि नए भारत के विचार को सभी राज्यों के सामूहिक प्रयासों तथा सहयोग से ही हासिल किया जा सकता है। यह भी पढ़ें : सरकार का 40 प्रतिशत बुआई क्षेत्र को बीमा के दायरे में लाने का लक्ष्य, किसानों को नुकसान से बचाने की कवायद
मोदी ने कहा कि टीम इंडिया यहां जुटी है और देश को बदलते वैश्विक रुख के अनुरूप तैयार करने के तरीके पर विचार-विमर्श कर रही है। उन्होंने कहा कि यहां जुटे लोगों की यह सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि 2022 (स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ) के भारत की दृष्टि तैयार करे, जिससे देश सुगमता से इन लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में बढ़ सके।
मोदी ने कहा कि आयोग एक सामूहिक संघीय निकाय है, जिसकी ताकत बजाय उसके प्रशासनिक या वित्तीय नियंत्रण के, उसके विचारों में है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि मुख्यमंत्रियों को बजट या योजनाओं की मंजूरी के लिए नीति आयोग के पास आने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह निकाय सरकारी ब्योरे से आगे बढ़ा है और उसने बाहर के विशेषज्ञों और युवा प्रोफेशनल्स की सेवाएं ली हैं। मोदी ने कहा कि राज्य भी नीति निर्माण में सहयोग दे सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यों को 2014-15 से 2016-17 के दौरान कुल कोष आवंटन में 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं केंद्रीय योजनाओं से संबद्ध कोष 40 फीसदी से घटकर 25 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि राज्यों को पूंजीगत खर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की रफ्तार बढ़ानी चाहिए। मोदी ने कहा कि देश में खराब इंफ्रास्ट्रक्चर से आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे मसलन सड़क, बंदरगाह, बिजली और रेल पर अधिक खर्च से वृद्धि की रफ्तार बढ़ेगी।
उन्होंने बताया कि योजना एवं गैर-योजना व्यय के अंतर को समाप्त करने का फैसला 2011 में रंगराजन समिति की सिफारिशों पर आधारित है। मोदी ने कहा कि GST पर आप सहमति को देश के इतिहास में सहकारिता संघवाद के एक महान उदाहरण के रूप में उल्लिखित किया जाएगा। GST एक राष्ट्र, एक आकांक्षा, एक संकल्प को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों को साथ-साथ कराने के लिए बहस और विचार-विमर्श को आगे बढ़ाने की बात कही।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भाग ले रहे हैं। नीति आयोग के शीर्ष निकाय संचालन परिषद के अध्यक्ष खुद प्रधानमंत्री हैं। इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और आयोग के सदस्य भी शामिल हैं।