नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के कांथी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan) योजना के तहत पिछले तीन साल से लंबित 18,000 रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों के बैंक खाते में एक साल में 6,000 रुपये जमा किए जाते हैं। भारत में पश्चिम बंगाल अकेला ऐसा राज्य है, जहां पीएम किसान योजना को लागू नहीं किया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम किसान को लागू न कर बंगाल के किसानों से दुश्मनी मोल ली है। उन्होंने कहा कि 2 मई दीदी गई।
आचार संहिता लगने से ठीक पहले पश्चिम बंगाल ने शुरू की पीएम किसान योजना
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को संसद में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र की योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लागू करने में अपनी रुचि विधान सभा चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले दिखाई। उन्होंने कहा कि पीएम किसान योजना को 1 दिसंबर, 2018 से पूरे देश में सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में यह योजना शुरू नहीं हो पाई क्योंकि राज्य ने किसानों का प्रमाणित डाटा देने से इनकार कर दिया था। लेकिन जब विधान सभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने वाली थी उससे ठीक पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने इस योजना को लागू करने का फैसला लिया, लेकिन राज्य के स्तर पर प्रक्रिया को पूरी तरह से पूरा नहीं किया गया था।
पीएम किसान योजना (PM-KISAN scheme) के तहत छोटे और सीमांत किसानों को एक वर्ष में केंद्र द्वारा 6000 रुपये की वित्तीय सहायता तीन बराबर किस्तों में आधार से जुड़े बैंक खाते में सीधे प्रदान की जाती है।
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27 कीटनाशकों पर प्रतिबंध के सुझाव पर विचार कर रही विशेषज्ञों की समिति
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मंगलवार को संसद को बताया कि 27 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में प्रकाशित मसौदा अधिसूचना पर हितधारकों से कई आपत्तियां और सुझाव मिले हैं, जिन पर विचार करने के लिए जनवरी 2021 में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया है। लोकसभा सदस्य शशि थरूर द्वारा पूछ गए एक अतारांकित प्रश्न का लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि विशेषज्ञ समिति सुरक्षा, विषाक्तता, प्रभावकारिता, आवश्यक अध्ययन और आंकड़ों की ताजा स्थिति, तकनीकि और वैज्ञानिक अपेक्षाएं, सुरक्षित विकल्प की उपलब्धता, किसानों के हित, अन्य देशों में प्रतिबंध की स्थिति समेत तमाम मसलों व पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुझावों और आपत्तियों पर विचार कर रही है।
कांग्रेस सांसद ने कृषि मंत्री तोमर से से जानना चाहा कि क्या सरकार का उन 27 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है जो दुनिया में पहले से ही प्रतिबंधित है, फिर भी देश में व्यापक रूप से उनका उपयोग हो रहा है। उन्होंने इससे जुड़े कुछ और सवाल भी किए।
लोकसभा सदस्य शशि थरूर के सभी सवालों का लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मई 2020 में 27 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में हितधारकों से आपत्तियां व सुझाव आमंत्रित करने के लिए मसौदा अधिसूचना प्रकाशित की थी। आपत्तियां व सुझाव आमंत्रित करने के लिए आरंभ में 45 दिनों का समय दिया गया था, जिसे हितधारकों के अनुरोध पर बढ़ाकर 90 दिन कर दिया गया।
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