कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवा को आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा-शासित केंद्र सरकार टीएमसी प्रशासन द्वारा किसानों के नाम को प्रमाणित करने के बावजूद पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan scheme) के तहत किसानों को राशि का वितरण नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा झूठ बोल रही है कि वह किसानों को पैसा देने से मना कर रही हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार राज्य में किसानों को 5000 रुपये दे रही है और मुफ्त फसल बीमा का भी प्रबंधन कर रही है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा में बताया था कि केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत वित्तीय सहायता देने के लिए 6 लाख किसानों के आवेदन को प्रमाणित करने के लिए भेजा था। राज्य सरकार ने आवश्यक काम पूरा करने के बाद 2.5 लाख किसानों के नाम वापस केंद्र के पास भेज दिए हैं।
टीएमसी सु्प्रीमो ने कालना में आयोजित एक जनरैली में कहा कि उनकी सरकार पश्चिम बंगाम में सभी किसानों को उनकी आय बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर मदद उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून अनुचित हैं और उनका समर्थन किसानों के साथ है।
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बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति भाजपा शासित प्रदेशों की तुलना में बेहतर है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गायब होने की गुत्थी को सुलझाने के लिए कुछ भी नहीं किया। 294 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में अप्रैल-मई में मतदान होना है।
नियमों में क्या हुआ है बदलाव
नियमों के बदलाव के तहत नया रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसान को अपने खेत का मालिकाना हक भी दिखाना होगा। उन्हें अपने आवेदन फार्म में जमीन के प्लाट नंबर का भी जिक्र करना होगा। अगर कोई किसान परिवार की संयुक्त जमीन पर खेती कर रहा है तो उसे पहले अपने हिस्से की जमीन अपने नाम करनी होगी , मालिकाना हक दिखाने के बाद ही योजना का फायदा मिलेगा। योजना के तहत किसानों को सालाना 6000 रुपये की राशि दी जा रही है।
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किन किसानों पर पड़ेगा नए नियमों का असर
नए नियमों का असर उन किसानों पर होगा जो योजना का लाभ लेने के लिए नया रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। पहले से योजना का लाभ पाने वाले किसानों पर इस कदम का असर नहीं पड़ेगा। अगर कोई किसान अपने पिता या दादा की जमीन पर खेती कर रहा है तो उसे योजना में नया रजिस्ट्रेशन करने का मौका नहीं मिलेगा। इसके साथ ही किराए पर खेत लेकर उसमें खेती करने वाले को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यानि खेत के मालिक ही इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
और कौन हुआ योजना के दायरे से बाहर
सरकार ने इससे पहले भी नियमों में बदलाव किए हैं, जिसके तहत टैक्स दायरे में आने वाले किसान योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। ऐसे किसान जो संवैधानिक पद पर हैं, उन्हें भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। 10 हजार रुपये से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले पेंशनभोगियों को भी फायदे के दायरे से बाहर किया गया है।
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