नई दिल्ली। देश के 9.5 करोड़ किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan) योजना की 8वीं किस्त का इंतजार आज खत्म हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान योजना के तहत देश के 9.5 करोड़ किसानों के खातों में 8वीं किस्त के तौर पर 19,000 करोड़ रुपये की राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से हस्तांतरित कर दी है।
10.75 करोड़ किसानों को मिले हैं 1.15 लाख करोड़ रुपये
इससे पहले सरकार ने बताया कि पीएम-किसान योजना के तहत 10.75 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में सीधे 1.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का हस्तांतरण कर चुकी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पीएम-किसान की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर एक समारोह को संबोधित करते हुए बताया था कि सरकार ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी पात्र किसानों को इस प्रमुख कार्यक्रम का लाभ मिले। तोमर ने कहा कि इस योजना से अब तक 10.75 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं और केंद्र ने 1.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक सीधे किसानों के बैंक खातों में वितरित किए हैं।
साल में मिलते हैं 6000 रुपये
इस योजना के तहत किसानों को तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये सालाना नकद प्रदान किए जाते हैं। योजना 24 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से शुरू की थी। सरकार ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में ऐतिहासिक वृद्धि की शुरुआत की है और किसानों की आय को दोगुना करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए उठाए कई कदम
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले सात वर्षों में, उनकी सरकार ने कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर सिंचाई से लेकर अधिक प्रौद्योगिकी, अधिक ऋण और बाज़ारों से लेकर उपयुक्त फसल बीमा, मृदा स्वास्थ्य से लेकर बिचौलियों की समाप्ति के उपाय करने जैसे कमद उठाए गए हैं। कृषि मंत्री ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सभी पात्र किसानों को इस योजना में शामिल किया जाए ताकि उन्हें लाभ प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि ऐसे कई किसान हैं जो शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें पीएम-किसान लाभ नहीं मिल रहा है। पीएम-किसान योजना के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान होने की बात कहते हुए, तोमर ने इस कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
14.5 करोड़ का है लक्ष्य
तोमर ने कहा कि प्रारंभिक लक्ष्य 14.5 करोड़ किसानों को योजना के दायरे में लाने का था और अधिक लाभार्थियों को जोड़ने का प्रयास चल रहा है। अभी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए पश्चिम बंगाल के बारे में पूछे जाने पर, तोमर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों की सूची साझा करने के बाद केंद्र की ओर से धन मुहैया कराया जाएगा। मंत्री ने पिछले साढ़े छह वर्षों में पीएम-किसान, एक लाख करोड़ रुपये का कृषि-बुनियादी ढांचा कोष और 10,000 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनों) के निर्माण सहित सरकार द्वारा की गई अन्य पहलकदमियों को रेखांकित किया। तोमर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान कृषि क्षेत्र ने असाधारण प्रदर्शन किया है। मंत्री ने अफसोस जताया कि इतना महत्वपूर्ण क्षेत्र होने के बावजूद खेती लाभप्रद नहीं रहा है।