नई दिल्ली। उद्योग संगठनों ने बुधवार को कहा कि पीएम गतिशिक्ति ‘मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी’ योजना से कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर होगी और भारत की वृद्धि को नयी रफ्तार मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी’ के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की। इसका उद्देश्य ‘लॉजिस्टिक’ की लागत को कम करने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना है।
उद्योग मंडल सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि निर्बाध ‘मल्टीमॉडल’ संपर्क व्यवस्था और बेहतर अंतर-सरकारी समन्वय को बढ़ावा देने के लिये प्रस्तावित प्रौद्योगिकी आधारित डिजिटल मंच समय पर उठाया गया और क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहतर संपर्क व्यवस्था के माध्यम से व्यापार सुगमता को बढ़ाने के साथ विनिर्माण प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा। यह भारत की वृद्धि को नयी गति देने और रोजगार पैदा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।’’ उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि पीएम गतिशक्ति कार्यक्रम का शुभारंभ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करने के लिए एक ऐतिहासिक नीतिगत कदम है क्योंकि इसमें समग्र विकास के लिये एक साझा रुख पर जोर है। सूद ने कहा, ‘‘गतिशक्ति कार्यक्रम रेलवे, बंदरगाह, हवाईअड्डों, जलमार्गों, गैस पाइपलाइन समेत विभिन्न क्षेत्रों में 15,000 अरब डॉलर की राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन को नयी गति प्रदान करेगा।’’ उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के साथ इससे सौदा लागत में कमी आएगी और कारोबार सुगमता बढ़ेगी।
गतिशक्ति योजना के द्वारा देश में हवाई और सड़क यातायात को बढ़ावा देने के लिये नये एय़रपोर्ट और हाईवे बनाने की योजना है। इसके साथ ही नदियों के द्वारा सामान को लाने ले जाने से जुड़े बुनियादी ढांचों को विकास किया जायेगा। वहीं गैस पाइपलाइन से लेकर संचार के साधनों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर का भी निर्माण होगा। योजना के तहत 16 मंत्रालय मिलकर काम करेंगे।
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