नई दिल्ली। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने मालगाड़ियों का परिचालन तय समय के अनुसार करने के लिए अलग ट्रैक की जरूरत बताते हुए कहा कि अगर मालगाड़ियां देर से पहुंती हैं तो ग्राहकों को हर्जाना दिया जाना चाहिए। गोयल ने शनिवार को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफसीसीआईएल) के स्थापाना दिवस पर कहा, "मालगाड़ियों और पैसेंजर गाड़ियों के तेज परिचालन के लिए दोनों को अलग-अगल ट्रैक की जरूरत है।"
रेलमंत्री ने इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) का जिक्र किया जो तेजस एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन में विलंब होने पर यात्रियों को मुआवजा यानी हर्जाना भरती है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल को मालगाड़ियों का परिचालन भी रेलपथ का अधिकतम उपयोग के साथ करना चाहिए और मालगाड़ियों की औसत चाल बढ़ानी चाहिए।
गोयल ने 500 किलोमीटर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर पूरा करने के लिए डीएफसीसीआईएल को बधाई दी और मार्च, 2020 तक 991 किलोमीटर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसे प्रेरित किया। रेलमंत्री ने मालगाड़ियों का परिचालन तय समय-सारणी के अनुसार करने की जरूरत पर बल दिया।
डीएफसीसीआईएल के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि रेलवे तीन महत्वपूर्ण क्षेत्र- समेकन, विकास और सुधार पर काम कर रहा है। यादव ने कहा कि भारतीय रेल अपने नेटवर्क को अपग्रेड कर रही है, खासतौर से दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट पर तीव्रगामी और आधुनिक ट्रेनों का परिचालन करने की दिशा में प्रयासरत है। डीएफसीसीआईएल के प्रबंध निदेशक अनुराग सचान ने भरोसा दिलाया कि चालू परियोजनाओं को तय समय पर पूरा किया जाएगा।