नई दिल्ली। पीरामल ग्रुप ने बुधवार को घोषणा की है कि कंपनी ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) का अधिग्रहण पूरा कर लिया है और इस अधिग्रहण को पूरा करने के लिए उसने 34,250 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। पीरामल कैपिटल और हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (PCHFL) का विलय डीएचएफएल के साथ किया जाएगा। इसके बाद नई बनने वाली इकाई का नाम पीसीएचएफएल होगा।
पीरामल ग्रुप ने अपने एक बयान में कहा कि इस समाधान के माध्यम से डीएचएफएल के अधिकांश ऋणदाताओं को उनके कर्ज की लगभग 46 प्रतिशत रिकवरी हुई है। उल्लेखनीय है कि दो माह पूर्व राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लि. (डीएचएफएल) की समाधान योजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। समाधान योजना के तहत पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस सफल बोलीदाता और अधिग्रहणकर्ता कंपनी है।
63 मून्स फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज की अपील पर सुनवाई करते हुए अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह आदेश दिया। अपील में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ द्वारा मंजूर समाधान योजना पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश देने का आग्रह किया गया था। इससे पहले, एनसीएलटी ने सात जून को पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लि. की कर्ज में डूबी डीएचएफएल को लेकर समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी।
कंपनी में डिंबेचरधारक 63 मून्स ने याचिका दायर कर अपीलीय न्यायाधिकरण में फैसले को चुनौती दी थी। अपील में आग्रह किया गया था कि उसने अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष दो याचिकाएं दायर की हैं और जबतक इस पर निर्णय नहीं हो जाता, एनसीएलटी के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाई जाए।
63 मून्स टेक्नोलॉजीज के पास डीएचएफएल में 200 करोड़ रुपये से अधिक के डिबेंचर हैं। कंपनी के अनुसार एनसीएलटी ने जिस समाधान योजना को मंजूरी दी है, वह एनसीडीधारकों के हितों के खिलाफ है।
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