मुंबई। वित्तीय तंगी से जूझ रही जेट एयरवेज के घरेलू पायलटों के संगठन ने मंगलवार को चेतावनी दी कि अगर समाधान योजना में देरी होती है और उनके बकाया वेतन का भुगतान इस माह के अंत तक नहीं किया जाता है तो एक अप्रैल से उड़ान रोक दी जाएंगी। जेट एयरवेज घरेलू पायलटों के निकाय नेशनल एविएटर्स गिल्ड की 90 मिनट से अधिक चली सालाना बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया।
गिल्ड में एयरलाइन के करीब 1,000 घरेलू पायलट हैं। यह संगठन करीब एक दशक पहले अस्तित्व में आया था। संगठन ने कहा कि अगर समाधान प्रक्रिया स्पष्ट नहीं हुई और वेतन भुगतान 31 मार्च तक नहीं हुआ, हम एक अप्रैल से उड़ानें बंद कर देंगे। वेतन के मामले में प्रबंधन से कोई आश्वासन नहीं मिलने के बाद गिल्ड ने पिछले सप्ताह श्रम मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया था।
इस बीच, विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को अपने सचिव को कर्ज में डूबी एयरलाइन के साथ आपात बैठक करने का निर्देश दिया। कई विमानों के उड़ान नहीं भरने के कारण एयरलाइन बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द कर रही है।
आने वाले सप्ताह में और घट सकती है जेट एयरवेज की उड़ानों की संख्या: डीजीसीए
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को कहा कि जेट एयरवेज की फिलहाल 41 उड़ानें परिचालन की स्थिति में रह गयी हैं और आने वाले सप्ताह में इनमें और कमी आ सकती है। डीजीसीए का मानना है कि जेट एयरवेज के मामले में स्थितियां तेजी से बदलती जा रही हैं।
जेट एयरवेज की वेबसाइट के अनुसार एयरलाइन के पास कुल 119 विमानों का बेड़ा है। पिछले कुछ सप्ताह से एयरलाइन की उड़ानें रद्द होने से यात्री अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर जाहिर कर रहे हैं और परिचालित विमानों की संख्या में निरंतर कमी के साथ यह दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
डीजीसीए प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि महानिदेशालय ने जेट एयरवेज के परिचालन, उड़ान क्षमता तथा यात्री सुविधाओं के आधार पर प्रदर्शन की मंगलवार को समीक्षा की। फिलहाल परिचालन के लिए 41 विमान बेड़े में है और उसके अनुसार 603 घरेलू तथा 382 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का निर्धारण किया गया है। हालांकि स्थिति बदलती रहती है और आने वाले सप्ताह में इसमें और कमी आ सकती है।