नई दिल्ली। एयर इंडिया के पायलटों की यूनियनों ने सरकार से राष्ट्रीय विमानन कंपनी को तत्काल वित्तीय मदद देने की अपील की है। उन्होंने यह मांग ऐसे समय की है जबकि कोविड-19 की मार से विमानन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है और निजी एयरलाइंस कंपनियां भी सरकार से राहत पैकेज की मांग कर रही है। एयर इंडिया की पायलट यूनियन इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) और इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने संयुक्त रूप से नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से एयरलाइंस को वित्तीय सहायता देने की अपील की है।
यूनियनों का कहना है कि काफी लंबे समय से एयर इंडिया प्रबंधन वेतन का भुगतान समय पर नहीं कर पा रहा है। हमारा तीन महीने का वेतन अटका हुआ है। फरवरी से हमें वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। यूनियनों ने कहा कि यह स्थिति कोरोना वायरस संकट शुरू होने से पहले से है। ऐसे में नकदी प्रवाह में कमी का ‘बहाना’ नहीं बनाया जा सकता। यूनियनों ने कहा कि उनका मूल वेतन भी समय पर जारी नहीं किया जा रहा है। कुल वेतन में मूल वेतन का हिस्सा काफी कम है।
यूनियनों ने इस बारे में पुरी को बृहस्पतिवार को संयुक्त पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि प्रबंधन ने पूरी तरह हथियार डाल दिए हैं। प्रबंधन का कहना है उसके पास वेतन देने के लिए पैसा नहीं है। यूनियनों ने कहा कि प्रबंधन ने इस तरह की कोई योजना भी नहीं बनाई है कि सरकार से मदद के बिना वह कैसे हमारे वेतन का भुगतान करेगा। दोनों यूनियनों ने मंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि एयरलाइन में तत्काल पूंजी डालने की जरूरत है। कम से कम एयर इंडिया निजीकरण पूरा होने तक ऐसा किया जाना चाहिए, जिससे एयरलाइन परिचालन में बनी रह सके। इससे एयरलाइन के कर्मचारियों की आजीविका भी सुनिश्चित हो सकेगी।