नई दिल्ली। पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) ने इंडिया पोस्ट द्वारा पेमेंट्स बैंक की स्थापना के लिए 800 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। अब इस प्रस्ताव को एक माह के भीतर कैबिनेट के समक्ष अंतिम मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाला पीआईबी सरकारी कंपनियों के इन्वेस्टमेंट प्रस्तावों को मंजूरी देता है।
डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीआईबी ने 19 जनवरी को बैठक बुलाई थी, जिसमें इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। पीआईबी की सिफारिशों को कैबिनेट के सक्षम अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की स्थापना के लिए सलाहकार की नियुक्ति के लिए भी डिपार्टमेंट चयन प्रक्रिया से गुजर रहा है। डिपार्टमेंट ने छह सलाहकारों को चयनित किया है लेकिन इनमें से केवल तीन ने ही अपनी बिड जमा करवाई है।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक शुरुआत में ग्रामीण और अर्द्ध शहरी तथा रिमोट क्षेत्रों में गैर-बैंकिंग ग्राहकों को अपना लक्ष्य बनाएगी। इसका फोकस सरल जमा उत्पाद और मनी रेमीटैंस सर्विस उपलब्ध कराने पर होगा। पेमेंट्स बैंक की पायलेट तौर पर शुरुआत जनवरी 2017 से होगी और इसकी पूरी तरह से शुरुआत मार्च से की जाएगी। 40 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं, जिनमें वर्ल्ड बैंक और बार्कले शामिल हैं, ने बैंक स्थापना में पोस्टल डिपार्टमेंट का पार्टनर बनने में रुचि दिखाई है।
रिजर्व बैंक ने पिछले साल पोस्टल डिपार्टमेंट के साथ कुल 11 कंपनियों को पेमेंट्स बैंक के लिए लाइसेंस जारी किया था। पोस्टल डिपार्टमेंट पहले से ही वित्तीय सेवाएं दे रही है और पूरे देश में उसकी 1.55 लाख शाखाएं हैं। आरबीआई के दिशा-निर्देश के अनुसार पेमेंट बैंक सीमित सेवाएं जैसे डिमांड डिपोजिट और रेमीटैंस जैसी सुविधाएं दे सकते हैं। इन्हें ऋण गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी और वे केवल एक व्यक्ति से एक लाख रुपए तक ही जमा ले सकते हैं। इन बैंकों को एटीएम या डेबिट कार्ड जारी करने की अनुमति होगी, लेकिन यह क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकते।