Highlights
- समिति किसानों की समस्याओं की पहचान करने में होगी मददगार
- किसानों की आय बढ़ाने के लिये नीति बनाने में मदद करेगी समिति
नई दिल्ली। तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए उद्योग संगठन पीएचडीसीसीआई ने शुक्रवार को कहा कि कृषि मुद्दों के समाधान के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय किसानों की वास्तविक पीड़ा की पहचान करने में काफी मददगार साबित होगा और केंद्र को किसानों की आय बढ़ाने के लिए नीतियां बनाने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है और उन्होंने आंदोलन करने वाले किसानों से घर लौटने की अपील की। किसान इन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे हैं।
गुरु नानक जयंती के शुभ अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों, खासकर छोटे किसानों के कल्याण और कृषि जगत के हित में और गांव-गरीब के उज्ज्वल भविष्य के लिए ‘‘पूरी सत्य निष्ठा’’ और ‘‘नेक नीयत’’ से तीनों कानून लेकर आई थी, लेकिन अपने तमाम प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाई। पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की सराहना करते हैं। मुल्तानी ने कहा, ‘‘कृषि संबंधी मुद्दों को हल करने के लिए एक समिति बनाने का निर्णय किसानों के वास्तविक दर्द की पहचान करने में काफी मददगार साबित होगा और किसानों, विशेष रूप से सीमांत किसानों की आय को बढ़ाने के लिए पर्याप्त कृषि नीति बनाने में सरकार की मदद करेगा। ’’