नई दिल्ली। उद्योगमंडल पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडी सीसीआई) ने सरकार से कोविड19 टीका बनाने वाली कंपनियों के साथ सहयोगी की भूमिका निभाने की अपील की है और टीका उत्पादन को दवा क्षेत्र के लिए घोषित उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (पीएआई) की योजना के दायरे में लाने पर स्थिति साफ किए जाने की मांग की है।
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे पत्र में कहा कि पीएलआई दस्तावेजों में उन क्षेत्रों के लिए किसी विशेष आवंटन को लेकर जानकारी नहीं है जो मौजूदा कोविड-19 महामारी की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। अग्रवाल ने पत्र में लिखा, "इस महामारी ने हमें टीकों का महत्व दिखाया है और इसने भारतीय टीका विनिर्माण उद्योग की न केवल इस महामारी का बोझ उठाने बल्कि दुनिया के सामने आगे आने वाली किसी भी स्वास्थ्य संबंधी संभावित विपदा का बोझ उठाने की क्षमता भी दिखायी है।" उन्होंने कहा, "इसलिए सरकार के लिए जरूरी है कि वह पीएलआई जैसी पहलों के जरिए इस उद्योग की मदद करे और इस तरह इस उद्योग को अपना वैश्विक नेतृत्व बनाए रखने में सक्षम करे।"
अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने 6,940 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ महत्वपूर्ण शुरुआती सामग्री (केएसएम/ दवा मध्यवर्ती (डीआई) तथा सक्रिय औषधि सामग्री (एपीआई) के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की है। इसी तरह 15,000 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ औषधियों के विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए एक अलग पीएलआई की भी घोषणा की गयी है। उन्होंने कहा, "औषधि क्षेत्र के लिए कुल 21,940 करोड़ रुपए के आवंटन के बावजूद भारतीय टीका विनिर्माताओं के लिए आवंटन को लेकर स्थिति साफ नहीं है।" अग्रवाल ने कहा कि यह जरूरी है कि केंद्र सरकार क्षेत्र के लिए एक मददगार की भूमिका निभाए। अग्रवाल ने क्षेत्र के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भारत क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल है और इस समय दुनिया के करीब 150 से 170 देशों में अलग-अलग बीमारियों को रोकने वाले टीकों का निर्यात कर रहा है।