नयी दिल्ली। भारत ने कल 100 करोड़ कोविड टीकों का मुकाम हासिल कर लिया है। लेकिन अभी भी यह लड़ाई अधूरी है। अभी भी देश सहित दुनिया भर में बड़ी संख्या में टीकों की जरूरत है। लेकिन भारतीय टीका निर्माता कंपनियां इस समय कच्चे माल के गंभीर संकट से जूझ रही हैं। इस बीच भारतीय कंपनियों ने डब्ल्यूटीओ के सामने इस तंगी के खिलाफ आवाज उठाई है।
भारतीय टीका निर्माताओं ने बृहस्पतिवार को विश्व व्यापार संगठन की प्रमुख एनगोजी ओकोंजो इविएला के साथ बैठक के दौरान कोविड 19 के टीके बनाने के लिए वैश्विक बाजारों से कच्चे माल की आसान उपलब्धता का मुद्दा उठाया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि टीका निर्माताओं ने यह भी आग्रह किया कि देशों को अतिरिक्त क्षमता के मुद्दे के अलावा इन कच्चे माल पर किसी भी तरह के निर्यात प्रतिबंध नहीं लगाने चाहिए। बैठक में उद्योग मंडल सीआईआई दक्षिणी क्षेत्र की उपाध्यक्ष और भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा ईला जैव प्रौद्योगिकी पर सीआईआई की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष और पैनासिया बायोटेक के प्रबंध निदेशक राजेश जैन तथा कैडिला फार्मास्युटिकल्स के कार्यकारी निदेशक अनुसंधान बकुलेश खमार सहित अन्य लोग शामिल हुए।
सिनजीन इंटरनेशनल के मुख्य परिचालन अधिकारी महेश भालगट, बायोकॉन की उपाध्यक्ष शेफाली मिश्रा और भारत के औषधि महानियंत्रक वी जी सोमानी भी बैठक में शामिल हुए। हाल में न्यूयॉर्क में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुनिया भर में कोविड 19 महामारी से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय ढांचा की आवश्यकता बतायी और टीके से जुड़े कच्चे माल के लिए आपूर्ति श्रृंखला को खुला रखने की जरूरत पर बल दिया।