नई दिल्ली। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) आक्रामक और व्यावहारिक निवेश के विकल्प वाली दो नई योजनाएं शुरू करेगा। इसके तहत अंशधारकों को 75 फीसदी तक का कोष शेयरों में निवेश करने का विकल्प होगा। ये योजनाएं एक माह के भीतर शुरू की जाएंगी। पीएफआरडीए के चेयरमैन हेमंत कॉन्ट्रैक्टर ने कहा, हम एक माह में आक्रामक और व्यावहारिक निवेश विकल्पों वाली दो योजनाएं शुरू करेंगे।
उन्होंने बताया कि आक्रामक निवेश विकल्प के तहत अंशधारकों को शुरुआत में अपनी कुल जमा का 75 फीसदी शेयरों में निवेश करने की अनुमति होगी। समय और उनकी उम्र बढ़ने के साथ शेयरों में उनका निवेश कम होता जाएगा। उन्होंने बताया कि दूसरे व्यावहारिक निवेश विकल्प के तहत अंशधारकों को शुरुआत में 25 फीसदी जमा शेयरों में लगाने की सुविधा मिलेगी। इस योजना में भी समय के साथ शेयरों में अंशधारकों का निवेश कम होता जाएगा।
कॉन्ट्रैक्टर ने बताया कि फिलहाल अंशधारकों को अपनी जमा का 50 फीसदी शेयरों में निवेश करने की अनुमति है। निवेश पर पीएफआरडीए का कुल रिटर्न 11.5 फीसदी है। गैर सरकारी अंशधारकों का रिटर्न कुछ अधिक यानी 13 फीसदी है, जबकि सरकारी कर्मचारियों के लिए रिटर्न 9.5 फीसदी है। सरकारी कर्मचारियों के पास अपने निवेश का 15 फीसदी शेयर बाजारों में लगाने का विकल्प है। गैर सरकारी अंशधारक अपने निवेश का 50 फीसदी शेयरों में लगा सकते हैं। कॉन्ट्रैक्टर ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा शेयरों में 50 फीसदी तक निवेश का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है। सरकार ने अभी तक इसकी मंजूरी नहीं दी है। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) का प्रशासन और नियमन पीएफआरडीए करता है। पीएफआरडीए कुल 1.3 करोड़ अंशधारकों का प्रबंधन करता है। इनमें 44 लाख सरकारी कर्मचारी हैं।