नई दिल्ली। अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर के सीईओ डॉ अल्बर्ट बोर्ला ने मंगलवार को कहा कि कंपनी कोविड-19 टीकों की आपूर्ति के लिए भारत के साथ समझौते के आखिरी चरणों में है। साथ ही उन्होंने टिप्पणी की कि भारत में घरेलू स्तर पर विनिर्मित टीके ही भारतीयों के टीकाकरण अभियान में अहम होंगे। उन्होंने अमेरिका-भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित किए जा रहे 15वें भारत-अमेरिका औषधि एवं स्वास्थ्य सेवा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि फाइजर ने एक विशेष योजना बनायी है जिसके तहत भारत सहित मध्य और निम्न आय वाले देशों को इन टीकों की कम से कम दो अरब खुराक मिलेगी। डॉ बोर्ला ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि हम जल्द ही भारतीय स्वास्थ्य सेवा अधिकारियों द्वारा भारत में उत्पाद को मंजूरी और सरकार के साथ समझौते को अंतिम रूप दे देंगे ताकि हम अपनी ओर से टीका भेजना भी शुरू कर सके।"
उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हो रहा टीकों के स्थानीय विनिर्माण से भारतीयों के "टीकाकरण की नींव" हासिल होगी। फाइजर के सीईओ ने कहा, "लेकिन हमसे और साथ ही मॉडर्ना से भी अतिरिक्त एमआरएनए टीका हासिल करने से भी महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।" उन्होंने कहा, "इस समय हम भारत सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं। हम इस समझौते को अंतिम रूप के बिल्कुल आखिरी चरणों में हैं। पहले हमें भारत में इस टीके के लिए मंजूरी हासिल करने की जरूरत है।" डॉ बोर्ला ने विश्वास जताया कि भारत में उनके टीके को मंजूरी मिल जाएगी और समझौता हो जाएगा।
भारत में अब तक 3 वैक्सीन को अप्रूवल मिल चुका है, इसमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक शामिल हैं। अब तक देश में कुल 26 करोड़ खुराकें बांटी जा चुकी हैं। स्पूतनिक वैक्सीन रूस निर्मित है और फिलहाल देश में इसकी सीमित खुराके ही दी गयी हैं। कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने तैयार किया ह। वहीं अब तक सबसे ज्यादा लगाई जा चुकी कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की बनाई वैक्सीन है जिसे देश में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट तैयार कर रहा है।