नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयातक पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड का मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में शुद्ध मुनाफा 92 प्रतिशत वृद्धी के साथ 470.79 करोड़ रुपए रहा। यह कंपनी का अब तक का सबसे ऊंचा तिमाही लाभ है।
टर्मिनल शुल्क बढ़ाने और गैस प्रसंस्करण ऊंचा रहने से 2016-17 की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का लाभ बढ़ा। 2015-16 की इसी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 245.31 करोड़ रुपए था। इस दौरान प्रति शेयर लाभ 3.27 रुपए से बढ़ कर 6.28 रुपए पर पहुंच गया।
कंपनी के वित्त निदेशक आरके गर्ग ने कहा कि सामान्यत: जनवरी में हम अपना पुर्नगैसीकरण शुल्क बढ़ाते हैं। इस बार यह शुल्क पांच प्रतिशत बढ़कर 45 रुपए प्रति इकाई एमएमबीटीयू हो गया। पेट्रोनेट तरल प्राकृतिक गैस का आयात करती है, जो जहाज में बहुत ठंडी परिस्थिति में तरल हो जाती है और इसे फिर से गैसीय स्थिति में लाने की प्रक्रिया को पुर्नगैसीकरण करते हैं।
आलोच्य अवधि में कंपनी ने 1,80,000 अरब एमएमबीटीयू गैस का पुर्नगैसीकरण किया, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 1,50,000 अरब एमएमबीटीयू था। पूरे वित्त वर्ष 2016-17 में कंपनी का शुद्ध लाभ 1705.59 करोड़ रुपए था, जो 2015-16 के शुद्ध लाभ के मुकाबले 87 प्रतिशत अधिक है।
कंपनी के निदेशक मंडल ने 50 प्रतिशत यानी प्रत्येक शेयर पर पांच रुपए का लाभांश देने की घोषणा की है। इसके अलावा कंपनी 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करेगी। इसके अलावा कंपनी अपनी अधिकृत पूंजी को 1,200 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3,000 करोड़ रुपए भी करेगी।