नई दिल्ली। वित्त सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करेगी और ऐसा चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन एस. रमेश ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग हो रही है और जीएसटी परिषद को इसकी रूपरेखा तैयार करनी होगी।
अभी डीजल, पेट्रोल, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और विमानन ईंधन जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। राज्यों के पास इनके ऊपर मूल्यवर्धित कर लगाने का अधिकार है। अधिया ने कहा कि यह हमारे सामने आई मांगों में से एक है और हम इसपर विचार करेंगे। सबकुछ चरणबद्ध तरीके से होगा।
उन्होंने कहा कि हमने काफी कुछ किया है पर इसका यह मतलब नहीं कि मौजूदा प्रणाली में अब और सुधार की गुंजाइश नहीं है। हमारा अब भी मानना है कि हमें सुधार की दिशा में काफी काम करने की जरूरत है और हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं।
रिफंड (कर वापसी) की स्वचालित व्यवस्था किए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ऐसा पहले ही दिन से होना था लेकिन दुर्भाग्य से लोगों ने रिटर्न दाखिल करने में इतनी गलतियां की, जिसके कारण कर विभाग को मजबूरन हाथ से काम निपटाने की व्यवस्था पर आना पड़ा।
अधिया ने कहा कि हम रिफंड के काम को पूरी तरह स्वचालित बनाने की एक बार फिर से कोशिश कर रहे हैं। यह अगला कदम है। जहां तक दरों एवं श्रेणियों को आसान बनाने की बात है, हमें इसकी जरूरत समझ आती है पर हमने वही किया, जो उस समय सर्वश्रेष्ठ हो सकता था। उन्होंने कहा कि हम इसके अलावा कुछ नहीं कर सकते थे क्योंकि हमें राजस्व का ध्यान रखना था, हमें गरीबों की दिक्कतों का ध्यान रखना था। निश्चित तौर पर हमें इससे बेहतर की दिशा में आगे बढ़ना होगा।