नई दिल्ली। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने उत्तर प्रदेश में सभी पेट्रोल पंपों की जांच के आदेश दिए हैं, जबकि अन्य राज्यों में पेट्रोल पंपों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। यह जांच ईंधन वितरण मशीनों के साथ छेड़छाड़ कर पेट्रोल, डीजल की कम-बिक्री का पता लगाने के लिए होगी।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने यह निर्देश उत्तर प्रदेश में विशेष कार्य बल की 11 पेट्रोल पंपों पर छापेमारी के बाद जारी किया है। इस छापेमारी में कथित तौर पर पता चला है कि इन पेट्रोल पंपों पर ग्राहक को प्रत्येक लीटर ईंधन पर 50 मिलीलीटर कम आपूर्ति की जाती है। यह भी पढ़ें : देनदारी में चूक करने वाले नहीं दे सकते हैं मौलिक अधिकारों की दुहाई, यूनिटेक की याचिका खारिज: कोर्ट
प्रधान ने कहा, हालांकि, ग्राहक को सही मात्रा में उत्पादों की आपूर्ति हो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। राज्य सरकारों के माप-तौल विभाग ही वितरण मशीनों पर अपनी सील लगाता है, फिर भी पेट्रोल पंपों पर छापे के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है। यह भी पढ़ें : बिना सब्सिडी वाला LPG सिलेंडर हुआ 92 रुपए सस्ता, सब्सिडी वाली गैस के लिए चुकाने होंगे अधिक दाम
उन्होंने कहा कि हमने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत की है। दोषी पेट्रोल पंपों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, यहां तक कि उनका लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है। प्रधान ने कहा कि उनके मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में सभी पेट्रोल पंपों का निरीक्षण करने का आदेश दिया है। इसके अलावा दूसरे राज्यों में वितरण मशीनों का आकस्मिक निरीक्षण करने को भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस एसटीएफ के साथ तेल विपणन कंपनियों के प्रतिनिधि भी होंगे। इसके अलावा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, माप-तौल विभाग के अधिकारी भी उनके साथ होंगे।
पेट्रोल पंपों पर ईंधन की कम आपूर्ति के रैकेट के बारे में मिली एक सूचना के आधार पर लखनऊ में 11 पेट्रोल पंपों पर STF ने छापा मारा। सूचना में बताया गया कि इलेक्ट्रॉनिक चिप के जरिए ईंधन वितरण मशीनों में छेड़छाड़ की गई है। जिन पेट्रोल पंपों पर छापे मारे गये उनमें से नौ में इलेक्ट्रॉनिक चिप पकड़ी गई। इन नौ पंपों में में तीन इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के और बाकी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के हैं।
पेट्रोलियम मंत्री ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से भी इस मुद्दे पर बातचीत की। केंद्र और राज्य सरकार ने इस संबंध में लखनऊ में बैठक करने का फैसला किया है। बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे और इसमें पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा ईंधन विक्रेता कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।