नई दिल्ली। एक सप्ताह पहले शुरू ईंधन के मूल्य की रोजाना समीक्षा के बाद पेट्रोल के दाम में जहां 1.77 रुपए प्रति लीटर की कटौती हुई है वहीं डीजल की कीमत 88 पैसे घटी है। सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने हर महीने की पहली और 16 तारीख को कीमत समीक्षा की 15 महीने पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर इस माह गतिशील दैनिक कीमत समीक्षा प्रणाली अपनायी ताकि लागत में अंतर तत्काल दिखे। यह भी पढ़े: BP के साथ मिलकर रिलायंस देशभर में खोलेगी पेट्रोल पंप, करेगी 40,000 करोड़ रुपए का निवेश
रोजाना इतने रुपए सस्ता हुआ पेट्रोल
तेल कंपनी के आंकड़े के अनुसार पेट्रोल के दाम में हर दिन 11 पैसे से लेकर 32 पैसे प्रति लीटर की गिरावट आयी है। वहीं डीजल के मामले में 2 पैसे से 18 पैसे प्रति लीटर की कमी आयी है। नई व्यवस्था शुरू होने के बाद ईंधन के दाम में लगातार कमी आ रही है।यह भी पढ़ें : ये हैं देश के टॉप-4 डीजल ऑटोमैटिक सेडान, माइलेज के मामले में हैं सबसे आगे
क्यों कम हुए पेट्रोल और डीजल के दाम
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 16 जून से हर दिन सुबह छह बजे समीक्षा की जाती है और इससे सर्वाधिक लाभ में ग्राहक रहे। तेल कंपनियों के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार दिल्ली में 16 जून को पेट्रोल की कीमत 65.48 रुपये प्रति लीटर थी जो आज (रविवार 25 जून) 63.71 रुपए लीटर पहुंच गयी है। इसी प्रकार, डीजल का दाम 16 जून को 54.49 रुपए लीटर था जो अब (रविवार 25 जून) घटकर 53.61 रुपए लीटर पर आ गया है। एक तेल कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में नरमी का लाभ ग्राहकों को केवल पखवाड़े बाद ही मिलता था लेकिन यह अब तत्काल मिल रहा है।यह भी पढ़ें: पेट्रोल-डीजल के दाम में रोजाना संशोधन से तेल कंपनियों के मुनाफे में होगी बढ़ोतरी, कीमत घटाने का राजनीतिक दबाव होगा कम
16 जून को खत्म हो गई थी 15 साल पुरानी व्यवस्था
हर महीने की एक और 16 तारीख को ईंधन के दाम की समीक्षा की पुरानी व्यवस्था एक अप्रैल 2002 को शुरू हुई। यह उससे पिछले पखवाड़े में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल तथा विदेशी विनिमय दर के औसत आधार पर आधारित थी। सरकार ने पेट्रोल और डीजल को नियंत्रण मुक्त कर एक अप्रैल 2002 से हर पखवाड़े कीमत की समीक्षा की व्यवस्था शुरू की थी। अधिकारी ने कहा, कई बार ऐसा होता था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दरों में एक सप्ताह गिरावट होती और उसके बाद उसमें वृद्धि होती। ऐसे में पिछली व्यवस्था में कीमत स्थिर होती या उसमें मामूली बदलाव होता। लेकिन अब कीमतों में गिरावट का लाभ तुरंत ग्राहकों को दिया जा रहा है। दूसरी तरफ अगर कीमतें में बढ़ेंगी तो भी वृद्धि भी तुरंत लागू होगी।