नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना नई ऊंचाई छूने का सिलसिला बना हुआ है। पेट्रोल के दाम केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल के सबसे ऊपरी स्तर पर हैं जबकि डीजल के दाम अबतक के सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच गए हैं। केंद्र सरकार ने पिछले साल जून में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को रोजाना अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के भाव के आधार पर तय करने की मंजूरी दी थी, तब से लेकर अबतक आय दिन 5-10 पैसों की बढ़ोतरी हो रही है और 10 महीने में पेट्रोल 9 रुपए से ज्यादा और डीजल लगभग 12 रुपए महंगा हो चुका है।
पेट्रोल हुआ 10 महीने में 9 रुपए महंगा
पिछले साल जून में जब सरकार ने पेट्रोल के भाव को रोजाना तय करना शुरू किया था तो दिल्ली में पेट्रोल का दाम 65.48 रुपए, कोलकाता में 68.03 रुपए, मुंबई में 76.70 रुपए और चेन्नई में 68.02 रुपए था लेकिन आज रविवार को दिल्ली में पेट्रोल का दाम 74.40 रुपए, कोलकाता में 77.10 रुपए, मुंबई में 82.25 रुपए और चेन्नई में 77.19 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया है।
10 महीने में डीजल लगभग 12 रुपए महंगा
रोजाना भाव तय होने के कार्यकाल में अबतक पेट्रोल से ज्यादा डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल जून में दिल्ली में डीजल का भाव 54.49 रुपए, कोलकाता में 56.65 रुपए, मुंबई में 59.90 रुपए और चेन्नई में 57.41 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया था लेकिन आज दिल्ली में डीजल का भाव 65.65 रुपए, कोलकाता में 68.35 रुपए, मुंबई में 69.91 रुपए और चेन्नई में 69.27 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का टूटा रिकॉर्ड
सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जब से रोजाना बदलाव करना शुरू किया है तब से लेकर अबतक इनकी कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है वह किसी भी एक साल में हुई अबतक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है। पिछले 10 महीने में पेट्रोल और डीजल के दाम जितने बढ़े हैं उतनी बढ़ोतरी कभी भी एक साल के अंतर में देखने को नहीं मिली थी।