नई दिल्ली। एक बार फिर देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। इस बार पेट्रोल-डीजल महंगा होने के पीछे कच्चे तेल की चढ़ती कीमत नहीं होगी बल्की ईरान द्वारा लिए गए फैसले हो सकते हैं। ईरान ने भारत को कच्चे तेल की फ्री ढुलाई बंद कर दी है। ऐसे में सरकार को कच्चा तेल महंगा पड़ेगा। जाहिर है इसका बोझ सरकार खुद पर नहीं लेना चाहेगी। ऐसे पेट्रोल-डीजल की कीमतें एक बार फिर चढ़ सकती हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर होगा सीधा असर!
महंगे कच्चे तेल का बोझ सरकार खुद नहीं उठाएंगी। ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं कि हमें पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी देखने को मिल जाए। एक मई को ही तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में 1.06 रुपये और डीजल की कीमत में 2.94 रुपए की बढोत्तरी की है। वहीं 2013 से अब तक के आंकड़ों पर नजर जाले तो पेट्रोल की कीमतों में 21 बार बढ़ोतरी की गई है।
तस्वीरों में देखिए क्रूड से जुड़े फैक्ट्स
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क्या है पूरा मामला?
भारतीय तेल कंपनियों को अभी तक ईरान से जो कच्चा तेल सस्ते में मिलता था, वो अब नहीं मिल पाएगा, क्योंकि 2013 से ईरान पर लगे प्रतिबंध खत्म हो गए हैं। इन्हीं प्रतिबंधों की वजह से ईरान, भारत को देने वाले तेल का भाड़ा नहीं लेता था, क्योंकि अब तक उसके पास तेल के ग्राहक नहीं थे। प्रतिबंध हटने से ईरान अन्य देशों को भी तेल बेच पाएगा, जिससे भारत को सस्ते में तेल बेचने की उसकी मजबूरी खत्म हो जाएगी। नतीजा, भारत को तेल अब महंगा मिलेगा।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में बताया कि ईरान ने कच्चे तेल की “फ्री शिपिंग” बंद कर दी है और अब भारतीय तेल शोधक कंपनियों को कच्चे तेल के भाड़े की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।