नई दिल्ली। जैसे-जैसे महीने का आखिरी दिन नजदीक आता है, वैसे-वैसे लोगों के दिल की धड़कने भी बढ़ने लगती हैं। प्रत्येक 15 दिनों में पेट्रेल–डीजल की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव पर लोगों की पैनी नजर रहती है। एक बार फिर वहीं घड़ी आ गई है। ग्लोबल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए एक्सपर्ट पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने की संभावना जता रहे हैं। पिछले एक महीने के दौरान कच्चा तेल 16 फीसदी से अधिक महंगा हो चुका है। लेकिन कीमतें भी इतनी तेजी से बढ़ें ये जरूरी नहीं। आम उपभोक्ताओं को शायद यह बात नहीं पता होगी कि आज आप जो पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर असर देखते हैं वह पीछे एक-डेढ़ महीने पहले कच्चे तेल की कीमतों में आई चाल का नतीजा होता है। सरल शब्दों में समझें तो आज जो कच्चे तेल के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में चल रहे हैं इसका असर भारत में 30 अप्रैल को होने वाली समीक्षा बैठक में देखने को मिलेगा।
ऐसा होता क्यों है?
एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने बताया कि देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां अगर आज कच्चा तेल खरीदने के लिए ऑर्डर करती हैं तो उनकी डिलवरी एक से डेढ़ महीने बाद मिलती है। दरअसल शिपिंग में काफी लंबा वक्त लगता है। इसके बाद कच्चे तेल की रिफाइनिंग होती है, उसके बाद बाजार में पेट्रोल-डीजल के रूप में बिकने आता हैं। तनेजा ने बताया कि भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 29 फरवरी को 31.86 डॉलर प्रति बैरल थी, जो 28 मार्च को 37.10 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई। यानी पिछले एक महीने में कच्चा तेल 16.44 फीसदी महंगा हो चुका है।
तस्वीरों में देखिए क्रूड से जुड़े फैक्ट्स
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कच्चे तेल के अलावा ये बातें भी डालती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर असर
नरेंद्र तनेजा ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें सिर्फ कच्चे तेल के आधार पर तय नहीं होती हैं। उनके मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमत घरेलू तेल कंपनियों के लिए काफी मायने रखती है। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपए में तेजी-मंदी, टैक्स में बदलाव और आने वाले समय में कच्चे तेल की कीमतों के रुख को देखते हुए पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय की जाती हैं।
50 पैसे तक महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल
नरेंद्र तनेजा के मुताबिक 31 मार्च को होने वाली ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की बैठक में 50 पैसे तक पेट्रोल-डीजल महंगा होने की संभावना है। उनके मुताबिक अगले तीन महीने तक कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी रहेगी और भाव 47 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं।