नयी दिल्ली। पेट्रोल और डीजल के दाम में रविवार को लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई। देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम में बीते 15 दिनों में दो रुपए से ज्यादा की गिरावट आई है। पेट्रोल कीमतों में रविवार को 12 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम में 14 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट से तेल आयात सस्ता हो गया है, इसलिए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपए प्रति लीटर की वृद्धि के बावजूद दोनों वाहन ईधनों के दाम में लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है।
पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने वैश्विक कीमतों में गिरावट के रुख अनुरूप पेट्रोल-डीजल के दाम घटाए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में अब पेट्रोल का दाम 69.75 रुपए और डीजल 62.44 रुपए प्रति लीटर पर आ गया है। तेल कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल के दाम में दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में 12 पैसे जबकि मुंबई में 11 पैसे प्रति लीटर कटौती की। वहीं, डीजल की कीमत में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में 14 पैसे, जबकि चेन्नई में 15 पैसे की कटौती की गई है।
पेट्रोल और डीजल का दाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 14 महीने से ज्यादा समय के निचले स्तर पर आ गया है। दिल्ली में पेट्रोल 69.75 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इससे पहले 13 जनवरी 2019 को दिल्ली में पेट्रोल का दाम 69.75 रुपये प्रति लीटर था। वहीं, डीजल का दाम दिल्ली में घटकर 62.44 रुपए प्रति लीटर हो गया है। इससे पहले नौ जनवरी 2019 को दिल्ली में डीजल 62.24 रुपए प्रति लीटर था।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का दाम घटकर क्रमश: 69.75 रुपये, 72.45 रुपये, 75.46 रुपये और 72.45 रुपये प्रति लीटर हो गया है। चारों महानगरों में डीजल की कीमत भी घटकर क्रमश: 62.44 रुपये, 64.77 रुपये, 65.37 रुपये और 65.87 रुपये प्रति लीटर हो गई है। अपने शहर में आज (Petrol Diesel Price on 15 March 2020) पेट्रोल-डीजल का दाम चेक करने के लिए यहां क्लिक करें।
उद्योग सूत्रों ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती कहीं ऊंची रहती, लेकिन सरकार ने शनिवार को ईंधन पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। पेट्रोलियम कंपनियों का कहना है कि वे खुदरा कीमतों में कटौती कम रख रही हैं, क्योंकि इन पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है। इन कंपनियों ने कहा कि उन्हें जो लाभ हुआ है उसे मूल्य वृद्धि के साथ समायोजित किया गया है। उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की वजह से ऐसा करना जरूरी है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस महीने कच्चे तेल के दाम में अब तक करीब 15 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आ चुकी है। दो मार्च को ब्रेंट क्रूड का भाव आईसीई पर जहां 51.90 डॉलर प्रति बैरल था, वहीं बीते सप्ताह ब्रेंट क्रूड का वायदा सौदा 34.72 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
शनिवार को सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया
बता दें कि, सरकार ने शनिवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन-तीन रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की। इससे सरकार को 39,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क दो रुपये बढ़ाकर आठ रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। वहीं डीजल पर यह शुल्क दो रुपये बढ़कर अब चार रुपये प्रति लीटर हो गया है। इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला सड़क उपकर भी एक-एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। इस वृद्धि के बाद पेट्रोल पर अब उपकर सहित सभी तरह का उत्पाद शुल्क 22.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.83 रुपये प्रति लीटर हो गया है।
जानिए 2014 के बाद से अब तक कितनी बार पेट्रोल-डीजल पर बढ़ा उत्पाद शुल्क
नरेंद्र मोदी सरकार ने जब पहली बार 2014 में सत्ता संभाली थी उस समय पेट्रोल पर कर की दर 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर थी। सरकार ने नवंबर, 2014 से जनवरी, 2016 के दौरान पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में नौ बार बढ़ोतरी की है। इन 15 माह की अवधि के दौरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 11.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया गया। इससे 2016-17 में सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह 2014-15 के 99,000 करोड़ रुपये से दोगुना से अधिक होकर 2,42,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अधिकारियों के अनुसार, पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) बढ़ाने से सरकार सालाना 39,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त कमा पाएगी।
कीमत तय करने का ये है आधार
विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें क्या हैं, इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। इन्हीं मानकों के आधार पर पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं।