नई दिल्ली। रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंची पेट्रोल और कीमतों से आम लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. इससे सरकार पर भी दबाव बन गया है। महामारी की वजह से कम आमदनी और ऊंचे खर्चों के बाद सरकार चाह कर भी ईंधन से टैक्स घटा नहीं पा रही है। वहीं दूसरी तरफ ऊंचे पेट्रोल और डीजल से लोगों की जेब पर बोझ लगातार बढ़ रहा है। हालांकि सरकार को उम्मीद है कि कीमतों में मौजूदा बढ़त अस्थाई है और कीमतें जल्द नीचे आएंगी।
कीमतों पर क्या है पेट्रोलियम मंत्री का बयान
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्नधान ने कहा है कि भारत में तेल कीमतों में बढ़त अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में आई कीमतों में बढ़त की वजह से देखने को मिली है। लेकिन ये बढ़त अस्थाई है, धीरे धीरे ये कीमतें नीचे लाई जाएंगी। पेट्रोलियम मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र और राज्य दोनो ईंधन पर टैक्स लगाते हैं जो कि फिलहाल कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को रिकवर करने में मदद कर रहे हैं।
पेट्रोल डीजल की कीमतें 2 हफ्ते से स्थिर
पेट्रोल और डीजल की कीमतें बीते 2 हफ्ते से स्थिर बनी हुई हैं। फिलहाल कीमतें अपने रिकॉर्ड स्तरों पर बनी हुई हैं। इन कीमतों में टैक्स का हिस्सा काफी बड़ा है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 91.17 रुपये प्रति लीटर है, इसमें से बेस प्राइस 33.26 रुपये प्रति लीटर, एक्साइज ड्यूटी 32.9 रुपये प्रति लीटर, डीलर कमीशन 3.69 रुपये प्रति लीटर, वैट 21.04 रुपये प्रति लीटर पर है।
कच्चे तेल में बढ़त का रुख
महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में रिकवरी और तेल उत्पादक देशों के द्वारा उत्पादन में कटौती की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त देखने को मिल रही है। फिलहाल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल के स्तर के करीब हैं। जानकार इसके छोटी अवधि में 75 डॉलर प्रति बैरल के स्तर के करीब पहुंचने के अनुमान जता रहे हैं।
यह भी पढ़ें: इन कर्मचारियों और उनके परिवारों को मुफ्त में लगेगी कोरोना वैक्सीन, देखिए लिस्ट
यह भी पढ़ें: BSE पर अगर लिस्ट हो पूरा पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज तो नहीं मिलेगी टॉप 5 में भी जगह, हैरान कर देंगे ये आंकड़े