नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल के दाम में बीते चार दिनों से जारी वृद्धि का सिलसिला एक बार फिर थम गया है। तेल विपणन कंपनियों ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया। उधर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में भी नरमी देखी जा रही है। बाजार के जानकार बताते हैं कि कच्चे तेल में नरमी राहत की खबर है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में गिरावट से पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी घट सकती हैं। हालांकि नवंबर में कच्चे तेल के दाम में काफी वृद्धि हो चुकी है, इसलिए पेट्रोल और डीजल के दाम में तत्काल गिरावट की संभावना नहीं है।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमतें सोमवार को बिना किसी बदलाव के क्रमश: 82.34 रुपये, 83.87 रुपये, 89.02 रुपये और 85.31 रुपये प्रति लीटर पर बनी रही। चारों महानगरों में डीजल के दाम भी पूर्ववत क्रमश: 72.42 रुपये, 75.99 रुपये, 78.97 रुपये और 77.84 रुपये प्रति लीटर पर बने हुए हैं।
तेल विपणन कंपनियों ने एक दिन पहले पेट्रोल के दाम में दिल्ली में 21 पैसे, कोलकाता में 20 पैसे, मुंबई में 21 पैसे जबकि चेन्नई में 19 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की। वहीं, डीजल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 29 पैसे जबकि मुंबई में 31 पैसे और चेन्नई में 28 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी।
नवंबर के महीने में पेट्रोल और डीजल के दाम में अब तक नौ बार बढ़ोतरी हुई है जिसके बाद देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 1.28 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो गई है जबकि डीजल 1.96 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है।
अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटर कांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के फरवरी डिलीवरी वायदा अनुबंध में सोमवार को पिछले सत्र के मुकाबले 1.37 फीसदी की कमजोरी के साथ 47.59 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। बता दें कि दो नवंबर को बेंट्र क्रूड का भाव 35.74 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा था। जिसके बाद बीते सप्ताह गुरुवार को ब्रेंट का भाव 49.09 डॉलर प्रति बैरल तक उछला था जोकि इस साल मार्च के बाद का सबसे उंचा स्तर है।
न्यूयार्क मर्केटाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के जनवरी डिलीवरी वायदा अनुबंध में सोमवार को पिछले सत्र के मुकाबले 1.47 फीसदी की गिरावट के साथ 44.86 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
कच्चे तेल की मांग घटी, ओपेक की बैठक आज
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन-ओपेक के नेताओं के बीच वर्चुअल बैठक होने जा रही है, जिसमें कच्चे तेल की मांग में गिरावट से पैदा हुई स्थिति पर विचार किया जाएगा। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए कई देशों में नए सिरे से लॉकडाउन लगाया जा रहा है। ऐसे में ओपेक के सदस्य देश इस बैठक में यह विचार करेंगे कि उन्हें अपने उत्पादन को किस स्तर पर रखने की जरूरत है। माना जा रहा है कि कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच ओपेक के सदस्य देश उत्पादन कटौती का विस्तार अगले साल तक करने पर विचार कर सकते हैं।
सऊदी अरब की अगुवाई में ओपेक देशों की बैठक सोमवार को होने जा रही है। बैठक में सदस्य देश उत्पादन को लेकर सहमति बनाएंगे। समूह के अतिरिक्त सदस्यों यानी ओपेक प्लस की बैठक मंगलवार को होगी। ओपेक प्लस की अगुवाई रूस करता है। दुनिया में संक्रमण के मामले फिर बढ़ रहे हैं, ऐसे में कच्चे तेल की जरूरत को लेकर असमंजस बना हुआ है।