नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बाजार के हवाले हैं। इसका साफ मतलब है कि अगर ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आएगी, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होंगी। वहीं, दूसरी ओर अगर तेजी आएगी तो पेट्रोल और डीजल महंगा हो जाएगा। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर 15 दिनों में इसकी समीक्षा करती हैं। लेकिन, पिछले 15 दिनो में क्रूड की कीमतों में करीब 10 फीसदी की गिरावट आई है। इसके बावजूद तेल कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल 36 पैसे और डीजल 87 पैसे प्रति लीटर महंगा कर दिया। इस बढ़ोत्तरी की वजह डॉलर के मुकाबले रुपए में आई कमजोरी को बताया गया। लेकिन, आप रुपए की चाल पर नजर डालेंगे तो यह भी करीब 2 फीसदी टूटा है। यानी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ताजा बढ़ोत्तरी की वजह क्रूड की कीमतें नहीं, बल्कि कुछ और है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक सरकार ने 7 नवंबर को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई, जिसका असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के रूप में देखने को मिला है।
एक्साइज ड्यूटी से महंगा हुआ डीजल
एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा के मुताबिक डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी की एक मात्र वजह एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोत्तरी होना है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल में बढ़ोत्तरी आंशिक रूप से एक्साइज ड्यूटी की वजह से हो सकती है। लेकिन डीजल में अभी बढ़ोत्तरी की कोई वजह नहीं है। तनेजा ने कहा कि फिलहाल क्रूड की कीमतों में बड़ी तेजी की आशंका नहीं है। 29 अक्टूबर को भारतीय बास्केट में क्रूड 45.90 डॉलर प्रति बैरल पर था, जो कि 13 नवंबर को घटकर 41.90 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। यानी पिछले 15 दिनो में क्रूड ऑयल 9.82 फीसदी सस्ता हुआ है।
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एक साल में पांच बार बढ़ी एक्साइज ड्यूटी
सरकार ने नवंबर 2014 से जनवरी 2015 के बीच चार बार एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया है। चार बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से पेट्रोल 7.75 रुपए लीटर और डीजल 6.50 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ है। इससे सरकार ने करीब 20,000 करोड़ रुपए की कमाई की है। पांचवी बार सरकार ने 7 नवंबर को एक्साइड ड्यूटी में बढ़ोत्तरी की है। सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर अपनी कमाई बढ़ा रही है। चालू वित्त वर्ष में एक्साइज ड्यूटी से अतिरिक्त 3200 करोड़ रुपए राजस्व मिलने की उम्मीद है। केंद्र ने वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान पेट्रोलियम सेक्टर से 99,184 करोड़ रुपए एक्साइज ड्यूटी हासिल की थी।
उत्पादन लागत से ज्यादा पेट्रोल पर टैक्स
पेट्रोलियम इंडस्ट्री के अधिकारियों के मुताबिक रिफाइनरी में एक लीटर पेट्रोल उत्पादन पर 25.01 रुपए का खर्च आ रहा है। यह आंकड़ा गैसोलीन और एक्सचेंज रेट के औसत के आधार पर निकाला गया है। कंपनी की मार्जिन और अन्य लागत को जोड़ने के बाद पेट्रोल पम्प डीलर्स को 27.53 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल पड़ता है। इस कीमत पर केंद्र सरकार द्वारा लिए जाने वाला एक्साइज ड्यूटी 19.06 और डीलर का कमीशन 2.26 रुपया जुड़ जाता है। टैक्स यहीं खत्म नहीं होता, 12.21 रुपए वैट/सेल्स टैक्स लगता है, जिसके बाद दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 61.06 रुपए प्रति लीटर पहुंच जाती है।
एक लीटर डीजल पर 21.28 रुपए टैक्स
इसी तरह, एक लीटर डीजल की कीमत 46.80 रुपए है, जिसकी उत्पादन लागत 25.52 रुपए प्रति लीटर आती है। तेल कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मार्जिन को जोड़ने के बाद, तेल कंपनियां रिटेल डीलर को 27.80 रुपए प्रति लीटर के भाव से डीजल सप्लाई करती हैं। इसके बाद 10.66 एक्साइज ड्यूटी और 1.43 रुपए डीलर का कमीशन जुड़ जाता है, फिर दिल्ली में वैट 6.91 रुपए जुड़़कर आम उपभोक्ता को 46.80 रुपए प्रति लीटर पर डीजल मिलता है।