नई दिल्ली: पेट्रोल डीजल की कीमत और बढ़ने को लेकर बड़ी खबर है। आप अपनी कार मोटरसाइकिल की टंकी अभी फुल करवा लें क्योंकि तेल कंपनियों ने तेल की कीमत बढ़ने के संबंध में बड़ा बयान जारी किया है। ओएमसी अधिकारियों ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में मजबूती जारी रही, तो दरें और बढ़ सकती हैं। ब्रेंट क्रूड इस समय 73 डॉलर प्रति बैरल से अधिक है। रविवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने विराम का बटन दबा दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल 101.84 रुपये प्रति लीटर पर बिका, जबकि डीजल भी 89.87 रुपये प्रति लीटर की अपरिवर्तित कीमत पर बेचा गया। शनिवार को पेट्रोल के दाम में 30 पैसे की बढ़ोतरी की गई, जबकि डीजल में कोई बदलाव नहीं किया गया। मुंबई शहर में जहां 29 मई को पेट्रोल के दाम पहली बार 100 रुपये के पार गए, वहीं रविवार को पेट्रोल की कीमत 107.83 रुपये प्रति लीटर थी। शहर में डीजल की कीमत भी 97.45 रुपये है, जो महानगरों में सबसे ज्यादा है। सभी महानगरों में पेट्रोल की कीमतें अब 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गई हैं।
Petrol-Diesel से नहीं बल्कि देश में 100 फीसदी Ethanol से चलेंगी गाड़ियां?
पेट्रोल डीजल पर निर्भरता को कम करने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा था कि भारत ने वर्ष 2023-24 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल-मिश्रण का लक्ष्य रखा है और अंतिम लक्ष्य 100 प्रतिशत इथेनॉल से चलने वाले वाहन हैं। उन्होंने कहा था कि अधिक प्रगति करने के मकसद से टिकाऊ मिशन और नवीकरणीय ऊर्जा और अधिक प्रगति के लिए बैटरी प्रौद्योगिकियां बहुत महत्वपूर्ण होने जा रही हैं और इसके लिए देश अब बैटरी पर भारी मात्रा में निवेश कर रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2023-24 तक, भारत हमारे पेट्रोल के उत्पादों में इथेनॉल का 20 प्रतिशत सम्मिश्रण करने जा रहा है। हमारा अंतिम लक्ष्य ऐसे वाहन भी हैं जो 100 प्रतिशत इथेनॉल तक का इस्तेमाल कर सकते हैं।’’
मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक कार उपयोगकर्ताओं को दिन के समय अक्षय ऊर्जा या सौर ऊर्जा का उपयोग करके अपनी बैटरी रिचार्ज करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसके लिए ‘‘हम देश भर में गैस स्टेशनों पर चार्जिंग स्टेशनों को लगाने के बारे में सोच रहे हैं।’’ गोयल ने कहा कि वर्ष 2022 तक 175 गीगावॉट (1.75 लाख मेगावाट) के कुल नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य प्राप्ति के लक्ष्य के भारत अब वर्ष 2030 तक 450 गीगावॉट क्षमता हासिल करने की ओर ध्यान दे रहा है।