नई दिल्ली: पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने रविवार को ईंधन की महंगाई से आम जनता को हो रही परेशानी को स्वीकार करते हुए कहा कि टीकाकरण कवरेज के साथ-साथ कल्याणकारी योजनाओं पर सरकारी खर्च बढ़ गया है। सरकार महामारी में इस तरह की पहल के लिए पैसे बचा रही है। पत्रकारों से बात करते हुए प्रधान ने कहा, मैं स्वीकार करता हूं कि मौजूदा ईंधन की कीमतें उपभोक्ताओं को परेशान कर रही हैं, लेकिन यह भी सोचा जाना चाहिए कि एक वर्ष के दौरान टीकाकरण पर 35,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को मुफ्त अनाज देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की थी। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम किसान योजना के तहत, किसानों के खातों में हजारों करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं और यह भी उल्लेख किया है कि हाल ही में किसानों की भलाई को ध्यान में रखते हुए चावल और गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की गई है, जो सरकारी खजाने में जुड़ा है।
उन्होंने कहा, ये सभी खर्चे और इनके साथ-साथ रोजगार सृजन और विकास गतिविधियों के लिए निवेश की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा, कठिनाई के इस समय में, हम कल्याणकारी पहलों पर खर्च करने के लिए पैसे बचा रहे हैं।
ईंधन की ऊंची कीमतों को लेकर विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना के सवाल पर मंत्री ने जवाब दिया कि जिन राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है, जैसे राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में ईंधन की कीमतें कम क्यों नहीं की गईं।
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतें अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई हैं और मुंबई और राजस्थान के श्री गंगानगर सहित कई जगहों पर पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गई हैं।
श्रीगंगानगर में डीजल भी 100 रुपये प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर गया है। दिल्ली में रविवार को पेट्रोल 96.12 रुपये जबकि डीजल 86.98 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था।