नई दिल्ली। देश में ईंधन की मांग में अगस्त में मिलाजुला रुख देखने को मिला। इस दौरान जहां पेट्रोल की खपत में बढ़ोतरी जारी रही, वहीं डीजल की मांग घट गई। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पेट्रोल की बिक्री पहले ही महामारी-पूर्व के स्तर पर पहुंच चुकी है। आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने अगस्त में 24.3 लाख टन पेट्रोल बेचा। यह एक साल पहले की समान अवधि से 13.6 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही पेट्रोल की बिक्री का आंकड़ा महामारी-पूर्व के स्तर को पार कर चुका है। अगस्त, 2019 में पेट्रोल की बिक्री 23.3 लाख टन रही थी।
देश में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले ईंधन यानी डीजल की बिक्री अभी महामारी से पहले के स्तर तक नहीं पहुंच सकी है। अगस्त में डीजल की बिक्री पिछले साल के समान महीने से 15.9 प्रतिशत बढ़कर 49.4 लाख टन रही। हालांकि, यह अगस्त, 2019 की तुलना में 9.8 प्रतिशत कम है। अगस्त में डीजल की बिक्री जुलाई की तुलना में भी 9.3 प्रतिशत घटी है। इसकी वजह यह है कि मानसून के दौरान आवाजाही कम रहती है, जिससे डीजल की मांग प्रभावित हुई। अगस्त के पहले पखवाड़े में डीजल की खपत महामारी-पूर्व के स्तर से आठ प्रतिशत कम रही।
देश में ईंधन की मांग मार्च में लगभग सामान्य स्तर पर पहुंच गई थी, लेकिन उसके बाद कोविड-19 की दूसरी लहर से विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया। इससे आवाजाही के साथ आर्थिक गतिवधियां भी प्रभावित हुईं। ईंधन की मांग पिछले साल अगस्त के बाद इस साल मई में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई थी। विभिन्न राज्यों में अंकुशों की वजह से मांग घटी थी। जून में अंकुशों में ढील के बाद मांग में कुछ सुधार दिखाई दे रहा है। देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन एस एम वैद्य ने कहा कि पेट्रोल की खपत महामारी-पूर्व के स्तर को पार कर गई है। लोग आज सार्वजनिक परिवहन की तुलना में अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। वैद्य ने कहा कि यदि महामारी की तीसरी लहर की वजह से लॉकडाउन नहीं लगता है, तो नवंबर में दिवाली के आसपास डीजल की बिक्री भी महामारी-पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएगी।
मार्च, 2020 में हवाई यात्रा पर अंकुशों के बाद विमान ईंधन यानी एटीएफ की मांग में जबर्दस्त गिरावट आई थी। वैद्य ने कहा कि एटीएफ की मांग चालू वित्त वर्ष के अंत तक सामान्य हो जाएगी। अगस्त में रसोई गैस सिलेंडर यानी एलपीजी की मांग सालाना आधार पर 1.85 प्रतिशत बढ़कर 23.2 लाख टन पर पहुंच गई। एलपीजी एकमात्र ईंधन है जिसकी मांग लॉकडाउन में भी प्रभावित नहीं हुई थी। हालांकि, एलपीजी की मांग अगस्त, 2019 से 2.4 प्रतिशत कम है। दुनियाभर में अंकुशों की वजह एयरलाइंस कंपनियों ने अभी पूरी तरह परिचालन शुरू नहीं किया है। अगस्त, में जेट ईंधन की मांग एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 41.7 प्रतिशत बढ़कर 3,50,000 टन पर पहुंच गई। हालांकि, यह अगस्त, 2019 की तुलना में 44.5 प्रतिशत कम है।
यह भी पढ़ें: Kia ने भारत में नए फीचर्स के साथ लॉन्च किया Seltos का नया मॉडल
यह भी पढ़ें: Good News: महंगे पेट्रोल से मिलेगा छुटकारा, पेश होगा 65 रुपये लीटर वाले इस ईंधन से चलने वाले वाहन
यह भी पढ़ें: India GDP: देशवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी, जून तिमाही में अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर हुआ इतना
यह भी पढ़ें: SC के ऑर्डर के बाद Supertech उठाएगी क्या कदम, MD ने बताया प्लान
यह भी पढ़ें: Tata Motors ने लॉन्च की Tigor EV, एक बार चार्ज करने पर चलेगी 306 किलोमीटर