नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल और डीजल की कीमत ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। मंगलवार को सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों द्वारा पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमत में 25 पैसे प्रति लीटर का इजाफा किया गया। इससे पहले सोमवार को भी दोनों ईंधन की कीमत 25 पैसे प्रति लीटर बढ़ाई गई थी। ताजा मूल्यवृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 85.20 रुपये प्रति लीटर और डीजल 75.38 रुपये प्रति लीटर हो गया। सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 84.95 रुपये और डीजल की कीमत 75.13 रुपये प्रति लीटर थी।
मुंबई में पेट्रोल की ताजा कीमत 91.80 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 82.13 रुपये प्रति लीटर हो गई है। सोमवार को यहां पेट्रोल 91.56 रुपये और डीजल 81.87 रुपये प्रति लीटर बिका था।
सात जनवरी को पेट्रोल 84.20 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड पर पहुंचा था। इससे पहले चार अक्टूबर, 2018 को दिल्ली में पेट्रोल 84 रुपये प्रति लीटर के उच्चस्तर पर पहुंचा था। इसी दिन डीजल भी 75.45 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर था। मुंबई में भी चार अक्टूबर, 2018 को पेट्रोल 91.34 रुपये प्रति लीटर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर तक गया था। पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 32.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर है। दिल्ली में पेट्रोल पर मूल्यवर्धित कर (वैट) 19.32 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10.85 रुपये प्रति लीटर है।
सरकार की भर रही झोली
कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट्स (CGA) से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-नवंबर, 2020 के दौरान एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 1,96,342 करोड़ रुपये रहा। 2019 की समान अवधि में सरकार को 1,32,899 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। आश्चर्य की बात है कि आठ माह की अवधि में 1 करोड़ टन डीजल की बिक्री कम हुई है, बावजूद इसके एक्साइज ड्यूटी में इजाफा हुआ है, जो केवल टैक्स बढ़ाने से संभव हुआ।
तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-नवंबर, 2020 के दौरान 4.49 करोड़ टन डीजल की बिक्री हुई है, जबकि एक साल पहले समान अवधि में देश के भीतर डीजल बिक्री 5.54 करोड़ टन रही थी। इस दौरान पेट्रोल की बिक्री भी घटकर 1.74 करोड़ टन रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 2.04 करोड़ टन थी।
पेट्रोल की खुदरा कीमत में टैक्स ज्यादा
सीजीए के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कुल एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 2,39,599 करोड़ रुपये था। पेट्रोल की खुदरा कीमत में सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी का हिस्सा 39 प्रतिशत और डीजल की खुदरा कीमत में 42.5 प्रतिशत है। स्थानीय बिक्री कर या वैट को मिलाने के बाद ईंधन की कुल खुदरा कीमत में टैक्स का भार लगभग दो तिहाई हो जाता है।
मोदी सरकार में इतनी बढ़ी एक्साइज ड्यूटी
जब 2014 में पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी थी, तब पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर थी। मोदी सरकार ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच पेट्रोल व डीजल पर नौ बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई। इन 15 महीनों में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर 11.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर करने से सरकार को वित्त वर्ष 2016-17 में दोगुना राजस्व यानी 2,42,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जबकि वित्त वर्ष 2014-15 में यह आंकड़ा 99,000 करोड़ रुपये था।
सरकार ने अक्टूबर, 2017 में एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, इसके एक साल बाद एक्साइज ड्यूटी में 1.50 रुपये की और कटौती की गई। लेकिन इसके बाद सरार ने जुलाई, 2019 में एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी। इसके बाद मार्च, 2020 में दोबारा दोनों ईंधन के लिए एक्साइज ड्यूटी में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। इसके बाद मई माह में सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर की रिकॉर्ड वृद्धि की।
यह भी पढ़ें: महामारी से अमेरिका, ब्रिटेन, जापान जैसे देश बेहाल, वहीं चीन ने किया ये कमाल
यह भी पढ़ें: WhatsApp को लेकर मुकेश अंबानी ने बनाई नई योजना, 40 करोड़ भारतीयों को मिलेगा इसका फायदा
यह भी पढ़ें: महंगे पेट्रोल-डीजल से जनता की जेब हुई खाली लेकिन सरकार की भरी झोली, एक्साइज ड्यूटी में हो चुकी इतनी वृद्धि
यह भी पढ़ें: 7,000mAh बैटरी के साथ जल्द लॉन्च होगा यह फोन, जानिए क्या होंगी इसमें अन्य खूबियां
यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार के वार्षिक बजट से ज्यादा है देश की इन 3 कंपनियों की कुल संपत्ति...