नई दिल्ली। डीजल कारों पर अदालतों की ओर से आए कड़े फैसलों ने पेट्रोल कारों की तरफ एक बार फिर ग्राहकों का रुझान बढ़ा दिया है। इसने कार निर्माता कंपनियों को फिर से उनकी उत्पादन नीति पर विचार करने के लिए मजबूर किया है।
हुंडई और होंडा जैसी प्रमुख कार निर्माता कंपनियां अपनी रणनीति पर फिर से काम कर रही हैं ताकि पेट्रोल कारों की बढ़ती मांगों के अनुरूप उत्पादन कर सके। यहां तक कि डीजल से चलने वाली प्रमुख गाडि़यों में नयी एसयूवी श्रेणी की गाडि़यों में भी डीजल से चलने वाली गाडि़यों की बिक्री घटी है। वहीं दूसरी ओर लक्जरी सेगमेंट में बाजार में मार्केट लीडर मर्सडीज बेंज का भी अनुमान है कि भारत में पेट्रोल से चलने वाली गाडि़यों की डिमांड आने वाले समय में और बढ़ेगी।
मारूति सुजुकी इंडिया के कार्यकारी निदेशक (सेल्स एंड मार्केटिंग) आर. एस. कल्सी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में पेट्रोल की कारों की मांग बढ़ी है। यह मुख्यत: डीजल वाहनों पर सरकारी नीतियों के कारण है जिनमें ऊंचा उत्पाद शुल्क शामिल है। इसके अलावा डीजल वाहनों से जुड़े मामले और दस साल से पुराने डीजल वाहनों पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के प्रतिबंध इत्यादि से भी पेट्रोल कारों की मांग बढ़ी है।
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