नई दिल्ली। आम बजट 2021-22 (Budget 2021) से पहले पेट्रोल और डीजल के दाम में सोमवार को लगातार पांचवें दिन स्थिरता बनी रही। उधर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें भी बीते दो सप्ताह से सीमित दायरे में रही हैं। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव बीते दो सप्ताह के दौरान उंचे में 56.64 डॉलर से नीचे 54.48 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहा है। इस महीने जनवरी के दौरान दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम में 2.50 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा की वृद्धि हुई है और पेट्रोल का भाव सर्वाधिक उंचे स्तर पर है।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का भाव सोमवार को पूर्ववत क्रमश: 86.30 रुपये, 87.69 रुपये, 92.86 रुपये और 88.82 रुपये प्रति लीटर पर बना रहा। डीजल की कीमतें भी दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में बिना किसी बदलाव के क्रमश: 76.48 रुपये, 80.08 रुपये, 83.30 रुपये और 81.71 रुपये प्रति लीटर बनी हुई हैं।
तेल विपणन कंपनियों ने आखिरी बार बुधवार को पेट्रोल के दाम में दिल्ली में 25 पैसे, कोलकाता और मुंबई में 24 पैसे जबकि चेन्नई में 22 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की थी और डीजल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 25 पैसे, मुंबई में 27 पैसे और चेन्नई में 24 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी।
29 दिनों के लंबे विराम के बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 6 जनवरी से ईंधन की कीमतों में दोबारा दैनिक समीक्षा शुरू की है। पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच सरकार पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने के लिए निरंतर दबाव बढ़ रहा है लेकिन अभी तक सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। चालू वित्त वर्ष के दौरान पेट्रोल और डीजल पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और रोड एवं इंफ्रास्ट्रक्चर सेस के रूप में टैक्स में क्रमश: 13 रुपये और 16 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
ईंधन की कीमत, स्थानीय बिक्री कर या वैट के आधार पर अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न है। वर्तमान में देश में दोनों ईंधन की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले हफ्ते कहा था कि साऊदी अरब द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने से तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है लेकिन एक्साइज ड्यूटी में कटौती पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। कच्चे तेल के सबसे बड़े उत्पादक देश साऊदी अरब ने फरवरी और मार्च में कच्चे तेल के उत्पादन में 10 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती करने की घोषणा की है।
इससे पहले 4 अक्टूबर, 2018 को ईंधन की कीमतों ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ था। उस समय सरकार ने मुद्रास्फीति दबाव को कम करने और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाने के लिए पेट्रोल व डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 1.5 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। इसके साथ ही सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों ने भी एक रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, जिसे उन्होंने बाद में वापस ले लिया।
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