नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी आने से पेट्रोल और डीजल की महंगाई से राहत मिलने की संभावना हालफिलहाल नहीं दिख रही है। तेल विपणन कंपनियां पिछले 16 दिनों से रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ा रही हैं। देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिनों में पेट्रोल करीब 80 रुपए प्रति लीटर के करीब पहुंच गई है, जबकि डीजल की कीमत भी 79 रुपए प्रति लीटर के करीब है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव बीते एक महीने में 18 प्रतिशत बढ़ चुका है। बाजार के जानकार बताते हैं कि जुलाई में ओपेक और सहयोगी देशों द्वारा तेल के उत्पादन में ज्यादा कटौती करने की संभावनाओं से आगे कीमतों को सपोर्ट मिल सकता है।
सार्वजनिक क्ष्ज्ञेत्र की तेल विपण कंपनियों ने सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल का भाव 33 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम में 58 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। इससे पहले रविवार को भी कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में 35 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम में 60 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 79.23 रुपए से बढ़कर 79.56 रुपए प्रति लीटर हो गई है। वहीं डीजल की कीमत 78.27 रुपए से बढ़कर 78.85 रुपए प्रति लीटर हो गई है।
रविवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का भाव क्रमश: 35 पैसे, 33 पैसे, 34 पैसे और 31 पैसे प्रति लीटर बढ़ा था। डीजल के दाम में चारों महानगरों में क्रमश: 60 पैसे, 54 पैसे, 58 पैसे और 51 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी। लगातार 16 दिनों में दिल्ली में पेट्रोल 8.30 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया है और डीजल की कीमत 9.48 रुपए प्रति लीटर बढ़ गई है।
अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर बीते शुक्रवार को अगस्त डिलीवरी ब्रेंट क्रूड का वायदा अनुबंध पिछले सत्र से 1.64 प्रतिशत की तेजी के साथ 42.19 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि इससे पहले ब्रेंट का भाव 42.91 डॉलर प्रति बैरल तक उछला। एक महीने पहले 20 मई को ब्रेंट क्रूड का भाव 35.75 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। वहीं, न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई का जुलाई डिलीवरी अनुबंध पिछले सत्र से 2.34 प्रतिशत की तेजी के साथ 39.75 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि डब्ल्यूटीआई का भाव इससे पहले 40.51 डॉलर प्रति बैरल तक उछला।