नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल के दाम में फिर मामूली कटौती से उपभोक्ताओं का थोड़ी राहत मिली है। तेल विपणन कंपनियों ने गुरुवार को दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में पांच पैसे जबकि मुबई में चार पैसे प्रति लीटर की कटौती की। साथ ही, डीजल के दाम में भी कटौती की गई है।
डीजल दिल्ली में छह पैसे, कोलकाता में दो पैसे जबकि मुंबई और चेन्नई में पांच पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है। इससे पहले लगातार तीन दिनों तक डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। वहीं, पेट्रोल के भाव में लगातार छह दिनों की गिरावट के बाद बुधवार को स्थिरता बनी रही।
इंडियन ऑयल की बेवसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम गुरुवार को घटकर क्रमश: 72.23 रुपये, 74.92 रुपये, 77.89 रुपये और 75.03 रुपये प्रति लीटर हो गए। चारों महानगरों में डीजल के दाम भी घटकर क्रमश: 65.88 रुपये, 68.15 रुपये और 69.06 रुपये और 69.59 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।
ऊर्जा विशेषज्ञ बताते हैं कि बीते दिनों अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई भारी गिरावट के बाद तेल आयात की लागत घटने से पेट्रोल और डीजल के दाम में उपभोक्ताओं को राहत मिल रही है। भारत अपनी तेल खपत का तकरीबन 84 फीसदी आयात करता है, लिहाजा देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों के निर्धारण में अन्य कारकों के अलावा, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में तेजी या मंदी की अहम भूमिका होती है।
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में पांच फीसदी गिरावट आई है, जबकि घरेलू वायदा बाजार में छह फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। कच्चे तेल का दाम सात महीने के निचले स्तर पर आ गया है, जिसके बाद भारत में उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल के दाम में आगे और राहत मिल सकती है।
रोज सुबह 6 बजे तय होते हैं भाव
तेल की कीमतें हर रोज अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुख के हिसाब से बदलती हैं। भारत में ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) भाव की समीक्षा के बाद रोज पेट्रोल और डीजल के रेट तय करती हैं। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम रोज सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की दरों में संशोधन कर नई कीमतें जारी करती हैं।
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बता दें कि देश में तेल की कीमतों का निर्धारण करने के लिए डायनामिक फ्यूल प्राइसिंग मेकेनिज्म 16 जून 2017 से लागू किया गया है। इससे पहले एडमिनिस्ट्रेटिव प्राइस मेकेनिज्म के तहत पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण होता था जिसमें महीने के हर पखवाड़े की शुरुआत में कीमतों का निर्धारण किया जाता था।