नई दिल्ली। केन्द्र की नई मोदी सरकार के लिए सरकार बनते ही बड़ी खुशखबरी आई है। केन्द्र की पिछली मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों और योजनाओं के कारण प्रति व्यक्ति आय (Per capita income) में इजाफा हुआ है। केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 के दौरान प्रति व्यक्ति सालाना आय में इजाफा हुआ है। इन आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 में ये बढ़कर 1,26,406 हो गई है जबकि 2017-18 के दौरान ये 1,14,958 रुपए सालाना थी।
देश की प्रति व्यक्ति आय मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत बढ़कर 10,534 रुपए महीना पहुंच जाने का अनुमान है। सरकार के राष्ट्रीय आय पर शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में मासिक प्रति व्यक्ति आय 9,580 रुपए थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) द्वारा जारी वित्त वर्ष 2018-19 की सालाना राष्ट्रीय आय और जीडीपी आंकड़े के अनुसार, वर्तमान मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय 2018-19 में 10 प्रतिशत बढ़कर 1,26,406 रुपए (10,533.83 रुपए मासिक) पहुंच जाने का अनुमान है। वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 1,14,958 रुपए वार्षिक (9,579.83 रुपए मासिक) था। इस आधार पर देखें तो पिछले वित्तीय वर्ष में प्रति महीने जो आय 9,579.83 रुपए थी वह अब बढ़कर 10,533.83 रुपए हो गई है। यानी एक साल के दौरान इसमें दस फीसदी का इजाफा हुआ है। यानी इस हिसाब से देखें तो हर महीने प्रति व्यक्ति आय में 954 रुपए की बढ़ोत्तरी हुई है।
यही नहीं देश की कुल राष्ट्रीय आय में भी इजाफा हुआ है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय आय बढ़कर 188.17 लाख करोड़ हो गई है जबकि 2017-18 के दौरान ये आय 169.10 लाख करोड़ रुपए थी। इसमें 11.3 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। मंत्रालय का कहना है कि बेहतर आर्थिक नीतियों और योजनाओं के बावजूद जीडीपी में गिरावट देखने को मिली है।
प्रति व्यक्ति आय देश की समृद्धि का स्वाभाविक संकेतक है। वर्तमान मूल्य पर सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) 2018-19 में 11.3 प्रतिशत बढ़कर 188.17 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 169.10 लाख करोड़ रुपए थी। कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन से देश की सकल घरेलू उत्पाद 2018-19 वृद्धि चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रही। पिछले पांच साल के दौरान चौथी तिमाही में यह सबसे कम वृद्धि रही है। इससे पहले सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 2014-15 के बाद सबसे कम है। इससे पहले 2013-14 में वृद्धि दर सबसे कम 6.4 प्रतिशत रही थी। पूरे वित्त वर्ष की यदि बात की जाये तो 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत थी।