नई दिल्ली। शीर्ष पेंशन नियामक पीएफआरडीए के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि पेंशन फंड मैनेजर (पीएफएम) को जल्द ही प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकशों (आईपीओ) और प्रमुख शेयरों में निवेश करने की अनुमति दी जाएगी। पेंशन नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा कि नियामक का लक्ष्य सेवानिवृत्ति कोष के सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी करना है। इस समय पीएफएम इक्विटी हिस्से को सिर्फ ऐसे शेयरों में निवेश कर सकते हैं, जिनका बाजार पूंजीकरण 5,000 करोड़ रुपये से अधिक है और जो विकल्प तथा वायदा खंड में कारोबार के योग्य हैं। बंद्योपाध्यान ने कहा कि इससे फंड प्रबंधकों के लिए अवसर सीमित हो जाते हैं। उन्होंने एवेन्यू सुपरमार्केट का उदाहरण दिया, जहां पीएफएम प्रतिबंधों के कारण निवेश नहीं कर सकते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम दो या तीन दिनों में नए नियमों को अधिसूचित करेंगे, जो उन श्रेणियों पर अधिक उदार रुख रखते हैं, जहां इक्विटी निवेश किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि नए नियमों के तहत पीएफएम आईपीओ, फॉलो-ऑन सार्वजनिक पेशकश, बिक्री पेशकश में निवेश कर सकेंगे। इसके अलावा एनएसई और बीएसई पर कारोबार करने वाले शीर्ष 200 शेयरों में भी निवेश की इजाजत दी जाएगी। बंद्योपाध्याय ने जोर देकर कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से इक्विटी में अधिक निवेश के पक्षधर हैं, हालांकि जोखिमों को कम करने के लिए जरूरी निर्देश बने रहेंगे। एनपीएस ग्राहकों की कुल संख्या 4.37 करोड़ है, जिसमें से अधिकतम 2.90 करोड़ अटल पेंशन योजना के तहत हैं। बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘‘हम वित्त वर्ष 2021-22 में सदस्य आधार को एक करोड़ बढ़ाने का लक्ष्य बना रहे हैं, जिसमें एपीवाई के 90 लाख सदस्य होंगे।’’
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