नई दिल्ली। निजी इक्विटी (PE) और वैंचर कैपिटल (VC) निवेश जुलाई में दोगुना से अधिक होकर रिकॉर्ड 9.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में निवेशकों की रुचि बढ़ने से पीई/वीसी निवेश बढ़ा है। एक साल पहले समान अवधि में पीई/वीसी निवेश 4.1 अरब डॉलर रहा था। उद्योग के लिए लॉबिंग करने वाले समूह आईवीसीए तथा परामर्शक कंपनी ईवाई की रिपोर्ट के अनुसार जून की तुलना में जुलाई में पीई/वीसी गतिविधियां 77 प्रतिशत ऊंची रहीं।
जून में पीई/वीसी निवेश 5.4 अरब डॉलर रहा था। समीक्षाधीन महीने में 10 करोड़ डॉलर से अधिक के 19 बड़े सौदे हुए। इन सौदों का कुल मूल्य 8.2 अरब डॉलर रहा। एक साल पहले समान अवधि में 3.1 अरब डॉलर के 10 बड़े सौदे हुए थे। जून, 2021 में 3.6 अरब डॉलर के 12 बड़े सौदे हुए थे। संख्या के हिसाब से भी जुलाई में रिकॉर्ड बना। जुलाई में कुल 131 सौदों की घोषणा हुई। पिछले साल समान महीने में 77 और जून, 2021 में 110 सौदे हुए थे। एक और खास बात यह रही कि जुलाई में ई-कॉमर्स क्षेत्र को 5.8 अरब डॉलर का पीई/वीसी निवेश मिला। इस तरह 2021 में ई-कॉमर्स क्षेत्र को अबतक 10.5 अरब डॉलर का पीई/वीसी निवेश मिल चुका है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘बाहर’ निकलने के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए, तो जुलाई में ऐसे 96.5 करोड़ डॉलर के 22 सौदे हुए। यह जुलाई, 2020 के 13.4 करोड़ डॉलर के आंकड़े से कहीं अधिक है। जून में यह आंकड़ा ऊंचा यानी 3.2 अरब डॉलर का रहा था।
कोल इंडिया ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 17,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय लक्ष्य रखा
कोल इंडिया लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 17,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल के इसके व्यय से लगभग 4,000 करोड़ रुपये अधिक है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कंपनी को कोयले की बढ़ती मांग और ई-नीलामी बिक्री से अधकि राशि मिलने से नकदी प्रवाह में सुधार की उम्मीद है।
अधिकारी ने बताया, ‘‘इस वर्ष के लिए कुल पूंजीगत व्यय 17,000 करोड़ रुपये है। इसमें हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड और तालचर फर्टिलाइजर्स लि.में 3,000 करोड़ रुपये डालना भी शामिल है। साथ ही एक संयुक्त उद्यम कंपनी के माध्यम से रेलवे लाइन निर्माण के लिए 1,000-1,500 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।’’ सार्वजानिक क्षेत्र की महारात्न कंपनी ने अपने पूंजीगत व्यय बजट को 2020-21 के वित्तीय वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये के शुरुआती अनुमान से संशोधित कर 13,115 करोड़ रुपये कर दिया था। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनियों को अर्थव्यवस्था में वृद्धि को गति देने के लिए अपने पूंजीगत व्यय को बढ़ाने का निर्देश दिया था।