नई दिल्ली। रियल एस्टेट क्षेत्र में निजी इक्विटी निवेश चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में सालाना आधार पर 24 प्रतिशत बढ़कर 47.7 करोड़ डॉलर (लगभग 3,500 करोड़ रुपये) पहुंच गया। हालांकि यह इससे पिछली तिमाही (अप्रैल-जून 2021) की तुलना में 45 प्रतिशत कम है। सेविल्स इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। रियल एस्टेट में निजी निवेश प्रवाह एक साल पहले 2020-21 की इसी तिमाही में 38.5 करोड़ डॉलर और पिछली तिमाही (अप्रैल-जून 2021) में लगभग 90 करोड़ डॉलर था।
सेविल्स इंडिया ने अपनी नई रिपोर्ट 'इंडिया इन्वेस्टमेंट मार्केट वॉच' में, कोविड-19 महामारी के कारण निवेशकों द्वारा फैसले लेने में देरी को निवेश गतिविधि में अस्थायी नरमी के लिए जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट के मुताबिक कैलेंडर वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में डेटा केंद्रों ने कुल निजी इक्विटी निवेश में लगभग 34 प्रतिशत की सबसे अधिक हिस्सेदारी हासिल की। इसमें कहा गया, डेटा केंद्र भारत में मौजूदा महामारी के प्रभाव के लिहाज से मजबूत साबित हुए हैं। डिजिटल कनेक्टिविटी की बढ़ती जरूरत के कारण इंटरनेट के इस्तेमाल में तेज वृद्धि हुई है, डेटा केंद्रों की मांग भी बढ़ गई है।
संपत्ति सलाहकार कंपनी ने कहा कि जनवरी-सितंबर 2021 के दौरान निवेश प्रवाह 3.3 अरब डॉलर (23,300 करोड़ रुपये) था, जो कि पूरे 2020 में इस क्षेत्र में दर्ज किए गए कुल निवेश प्रवाह के लगभग आधे (49 प्रतिशत) के बराबर है। कैलेंडर वर्ष में, रियल एस्टेट में निजी इक्विटी निवेश 6.6 अरब डॉलर था जबकि 2019 में यह 6.7 अरब डॉलर, 2018 में छह अरब डॉलर, 2017 में 7.7 अरब डॉलर और 2016 कैलेंडर वर्ष में 5.7 अरब डॉलर था। सेविल्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (पूंजी बाजार) दिवाकर राणा ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम के तेज होने के साथ कारोबार का विश्वास भी बढ़ा। महामारी के बावजूद 2021 में रियल एस्टेट क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण सौदे हो रहे हैं।
इंडियाबुल्स रियल एस्टेट की बिक्री 874 करोड़ रुपये हुई
आवास मांग में सुधार के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान इंडियाबुल्स रियल एस्टेट लिमिटेड (आईबीआरईएल) की बिक्री बुकिंग दो गुना बढ़कर 874 करोड़ रुपये हो गई। निवेशकों को दी गयी जानकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में नई बिक्री 874 करोड़ रुपये रही, जो कि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 368 करोड़ रुपये थी। कुल संग्रह भी अप्रैल-सितंबर, 2021 की अवधि के दौरान बढ़कर 654 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 284 करोड़ रुपये था।
कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ सितंबर वित्त वर्ष 2021-22 तिमाही में 5.64 करोड़ रुपये रहा। आईबीआरईएल ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि पिछले वित्त वर्ष इसी अवधि में कंपनी को 76 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। कंपनी की कुल आय 2021-22 की दूसरी तिमाही में बढ़कर 381.24 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 50.70 करोड़ रुपये थी।
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