नई दिल्ली। वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी पेटीएम की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी पेटीएम मनी अब निवेशकों को आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) में निवेश करने में मदद करेगी। पेटीएम ने सोमवार को बयान मे कहा कि इस कदम का मकसद खुदरा निवेशकों को संपत्ति के सृजन के अवसरों में मदद करना है। इसके जरिये निवेशक आईपीओ के लिए आवेदन कर सकेंगे और तेजी से विस्तार करती कंपनियों की वृद्धि की कहानी का हिस्सा बन सकेंगे।
बयान में कहा गया है कि कंपनी ने खुदरा निवेशकों के लिए आईपीओ आवेदन की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सुगम बना दिया है। आवेदकों के अनुभव को बेहतर करने के लिए वह इसमें लगातार और खूबियां जोड़ेगी। कंपनी ने कहा कि पहले साल में उसका आईपीओ आवेदन के बाजार में 8 से 10 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य है।
पेटीएम मनी निवेशकों को सभी नए आईपीओ के लिए उनके बैंक खातों से जुड़े यूपीआई आईडी के जरिये तत्काल आवेदन की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इससे आवेदन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा सकेगा। कंपनी अपने मंच पर एक इंटरफेस’ भी उपलब्ध कराएगी, जिसके जरिये आईपीओ आवेदन में बदलाव किया जा सकेगा, उसे रद्द किया जा सकेगा या नए सिरे से आवेदन किया जा सकेगा।
पेटीएम मनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वरुण श्रीधर ने कहा कि भारतीय स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र लगातार पूंजी बाजार में उतर रहा है। अब ज्यादा से ज्यादा कंपनियों सार्वजनिक सूचीबद्धता के जरिये निवेशकों से पैसा जुटाना चाहती हैं। इसके साथ ही निवेशक भी अब अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस वजह से कंपनी के समक्ष एक बड़ा अवसर है और वह नागरिकों तक इस प्रक्रिया की पहुंच को सुगम करना चाहेगी।
पेटीएम मनी की प्रतिस्पर्धी जेरोधा, जिसने अपने सर्विस अगस्त 2019 में शुरू की थी, ने आईपीओ आवेदन के आधार पर अपने आप को सबसे बड़ा डिजिटल ब्रोकर होने का दावा किया है। ग्रो (Groww) और अपस्टॉक्स (Upstox) अन्य डिजिटल वेल्थ मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म हैं, जो यूजर्स को आईपीओ में भाग लेने की सुविधा देते हैं।
मार्च-नवंबर 2020 में एनएसई और बीएसई पर 12 आईपीओ के माध्यम से कुल 24,973 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कुछ सफल आईपीओ में एसबीआई कार्ड्स, मझगांव डॉक, रोसारी बायोटेक, हैपिएस्ट माइंड्स और कैम्स शामिल हैं। हैपिएस्ट माइंड्स और रोसारी बायोटेक ओवर सब्सक्राइब्सड होने वाले आईपीओ रहे।
सितंबर में पेटीएम मनी ने दावा किया था कि उसके यूजर्स की संख्या 66 लाख हो गई है, वहीं जेरोधा के यूजर्स की संख्या 30 लाख है। पेटीएम मनी ने कहा कि 70 प्रतिशत उसके यूजर्स फर्स्ट-टाइम रिटेल इनवेस्टर्स हैं, जबकि जेरोधा का दावा है कि उसके 65 प्रतिशत यूजर्स नए हैं।