पेटीएम ने भारतीय डेवलपर्स के लिए अपने एंड्रॉइड मिनी ऐप स्टोर की शुरुआत के साथ Google के प्ले स्टोर के खिलाफ जंग में अपना बड़ा कदम उठाया है। वास्तव में ये मिनी-ऐप्स एक पूर्ण ऐप्स नहीं होंगे, बल्कि वे वेब ऐप्स होंगे जो मूल रूप से ऐसी वेबसाइटें हैं जो मूल ऐप्स की तरह कार्य करती हैं। पेटीएम का दावा है कि ये ऐप उपयोगकर्ताओं को अपने डेटा और मेमोरी को बचाने में भी मदद करेगा।
पेटीएम का यह बड़ा कदम गूगल द्वारा उठाए गए उस कदम का जवाब हो सकता है, जिसमें पेटीएम को गैंबलिंग पॉलिसी का उल्लंघन मानते हुए Google Play Store से पेटीएम को निलंबित कर दिया गया था। Zomato और Swiggy जैसे अन्य ऐप भी Google के नए दिशानिर्देशों से खुश नहीं थे क्योंकि गूगल ने उनके स्पोर्ट बेस्ड कैशबैक पर रोक लगा दी थी। ये कैशबैक विशेष रूप से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2020 के दौरान काफी लोकप्रिय होते हैं।
पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय शेखर शर्मा ने कहा, “मुझे गर्व है कि हम आज ऐसा कुछ लॉन्च कर रहे हैं, जो हर ऐप डेवलपर के लिए एक अवसर पैदा करता है। पेटीएम मिनी ऐप स्टोर हमारे युवा भारतीय डेवलपर्स को नई अभिनव सेवाओं के निर्माण के लिए हमारी पहुंच और भुगतान का लाभ उठाने का अधिकार देता है। पेटीएम उपयोगकर्ताओं के लिए, यह एक सहज अनुभव होगा जिसमें किसी भी अलग से डाउनलोड की आवश्यकता नहीं होती है और उन्हें अपने पसंदीदा भुगतान विकल्प का उपयोग करने में सक्षम बनाता है। "
इस कदम में कई भारतीय डेवलपर्स द्वारा स्वागत किए जाने की संभावना है। इसके अलावा, यह आत्मानिर्भर भारत मिशन के अंतर्गत आता है क्योंकि उपभोक्ताओं का डिजिटल खर्च केवल भारत में है। छोटे स्टार्टअप को लुभाने के लिए, पेटीएम ने कहा है कि HTML और जावास्क्रिप्ट का उपयोग करके मिनी-ऐप्स स्थापित किए जा सकते हैं। कंपनी यह भी दावा करती है कि दो डेवलपर्स सिर्फ दो सप्ताह के भीतर वेब ऐप के एकीकरण को पूरा कर सकते हैं।
यह स्थानीय व्यवसायों के लिए एक बड़ा वरदान साबित हो सकता है क्योंकि वे ऐप्स पर बड़ा खर्च नहीं करना चाहते हैं और स्पष्ट रूप से Google को उनके ऐप में खरीदारी पर 30 प्रतिशत कटौती देना नहीं चाहते हैं। लॉन्च के समय, पेटीएम मिनी ऐप स्टोर पर पहले से ही 300 मिनी-ऐप हैं। इन ऐप्स की सूची में डोमिनोज़, नेटमेड्स, डेकाथलॉन, ओला, रैपिडो आदि जैसे बड़े नाम शामिल हैं।