कोलकाता। पश्चिम बंगाल मंत्रिमंडल ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है और कहा है कि इसे अगले साल पहली जनवरी से लागू किया जाएगा। राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि कुछ मामलों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कर्मचारियों के लिए पैनल द्वारा की गई सिफारिशों से अधिक बढ़ोतरी किए जाने को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि नए वेतन मानों का भुगतान उसी तिथि से किया जाएगा। वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल ने आज वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है और यह एक जनवरी, 2020 से प्रभावी होगा। महंगाई भत्ते (डीए) को मूल वेतन और ग्रेड वेतन में विलय कर दिया जाएगा, उन्होंने कहा कि यदि किसी कर्मचारी का मौजूदा मूल वेतन 100 रुपए है, तो वेतन पैनल की सिफारिशों के लागू होने के बाद यह 280.90 रुपए हो जाएगा।
एक सवाल के मुताबिक, मित्रा ने कहा कि राज्य सरकार कोई एरियर नहीं देगी। उन्होंने कहा कि ग्रेच्युटी दोगुनी होकर 6 लाख रुपए से बढ़ा कर 12 लाख रुपए की जाएगी। यह आयोग की सिफारिशों से 2 लाख रुपए अधिक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से मिले निर्देश के बाद आवास किराया भत्ता को मौजूदा 6,000 रुपए से बढ़ाकर 12,000 रुपए कर दिया गया है, जबकि अनुशंसित राशि 10,500 रुपए थी।
राज्य के वित्त विभाग के एक सूत्र ने कहा कि वेतन पैनल की सिफारिशों के लागू होने से राजकोष पर सालाना लगभग 10,000 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ आने की संभावना है। छठे वेतन आयोग का गठन राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन के पुनर्गठन के लिए 2016 के विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों पहले 27 नवंबर 2015 को किया गया था। प्रो अभिरूप सरकार की अध्यक्षता वाले पैनल को छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। हालांकि, बाद में इसे समय-समय पर विस्तार दिया गया। सरकार को यह रिपोर्ट 13 सितंबर को मिली थी।