नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने मंगलवार को कहा कि कंपनी दिवालिया एवं ऋण शोधन कार्यवाही का सामना कर रही रुचि सोया के अधिग्रहण से पीछे नहीं हटेगी और सौदा हासिल करने के लिये कानूनी समेत सभी विकल्पों को टटोलेगी। फॉर्चुन ब्रांड के तहत खाना बनाने का तेल बनाने वाली अडाणी विलमर तथा बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पंतजलि कर्ज में डूबी रुचि सोया के अधिग्रहण की दौड़ में हैं। अडाणी 6,000 करोड़ रुपए की बोली के साथ सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी है जबकि पंतजलि ने 5,700 करोड़ रुपए की बोली लगायी है।
अडाणी विलमर को ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी घोषित करने पर पतंजलि आयुर्वेद ने रुचि सोया के समाधान पेशेवर से स्पष्टीकरण मांगा है। कंपनी ने अडाणी समूह की बोली में भागीदारी को लेकर पात्रता के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही कंपनी ने इस संदर्भ में अपनाए गये मानदंडों के बारे में जानकारी मांगी है।
हरिद्वार की कंपनी ने सिरील अमरचंद मंगलदार को समाधान पेशेवर का कानूनी सलाहकार बनाए जाने पर भी सवाल उठाए। विधि कंपनी अडाणी समूह को पहले से सलाह दे रही है। बालकृष्ण ने एक कार्यक्रम के दौरान अलग से कहा कि हम जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी अदालत जाएगी उन्होंने कहा कि हम पीछे नहीं हटेंगे। हम हर कदम उठाएंगे। पिछले सप्ताह सूत्रों ने कहा था कि समाधान पेशेवर ने पतंजलि के सवालों का जवाब देने के लिये 8 से 10 दिन का समय मांगा है।