नई दिल्ली। योगगुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद भारत की सबसे तेज विकसित होती एफएमसीजी कंपनी है। पांच साल पुरानी इस कंपनी ने दशकों से भारतीय बाजार में अपनी पैठ जमाएं बैठी यूनीलिवर और पीएंडजी जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की नींद उड़ा दी है। जल्द ही एक अरब डॉलर की कंपनी बनने जा रही पतंजलि आयुर्वेद का विजयी रथ यहीं नहीं रुकने वाला है, अब इसकी नजर तेजी से बढ़ते ऑनलाइन हेल्थ कंसलटेशन स्पेस पर है। जैसी खबरें आ रही हैं, उनके मुताबिक पतंजलि आयुर्वेद जल्द ही एक एप लॉन्च करने जा रही है, जिसमें आयुर्वेद कंसलटेशन दी जाएगी, इसके जरिए पूरी दुनिया में लोगों को टारगेट किया जाएगा।
पतंजलि का डिजिटल प्लान
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक, पतंजलि अब तेजी से विकसित होते ऑनलाइन सेगमेंट में भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है और इसके लिए उसका पहला वेंचर एक एप होगा, जहां कोई भी आयुर्वेद आधरित स्वास्थ्य परामर्श हासिल कर सकेगा। हालांकि इस बात का खंडन पतंजलि ने नहीं किया है। हाल ही में बाबा रामदेव ने कहा था कि सर्च इंजन गूगल और बिंग के जरिये इंटरनेट पर ब्रांड पतंजलि को 5 करोड़ सर्च हासिल हो रहे हैं। इस बयान के बाद से ही पतंजलि के डिजिटल प्लान का अंदाजा लगाया जा सकता है।
डिजिटल हेल्थ स्टार्टअप हो रहे हैं लोकप्रिय
ऑनलाइन हेल्थ स्टार्टअप्स ने दुनियाभर में ट्रैक्शन हासिल करना शुरू कर दिया है। पिछले साल इस सेक्टर में 6 अरब डॉलर का निवेश हुआ है और भारत में भी हेल्थ स्टार्टअप्स जैसे बिगकेमिस्ट, प्रेक्टो, लिब्रेट और अन्य ने प्रमुख निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस साल अप्रैल में ऑनलाइन दवा बिक्री करने वाले स्टार्टअप 1एमजी ने वेंचर कैपिटल के रूप में 100 करोड़ रुपए हासिल किए हैं और अब उसकी योजना एक ऑनलाइन हेल्थ कंसलटेशन प्लेटफॉर्म शुरू करने की है।
पतंजलि की विजयी यात्रा अब रुकने वाली नहीं
दशकों से भारतीय बाजार में जमीं बैठी बहुराष्ट्रीय एफएमसीजी कंपनियां इस समय पतंजलि से डरी हुई हैं। पुरानी एफएमसीजी कंपनियों जैसे डाबर का सालाना राजस्व 4233 करोड़ रुपए, मैरिको का 3903 करोड़ रुपए, गोदरेज का 3585 करोड़ रुपए है, वहीं केवल पांच साल पुरानी पतंजलि का राजस्व पिछले साल बढ़कर 1587 करोड़ रुपए हो गया, जो 2014 की तुलना में 100 फीसदी अधिक है। 2017 तक पतंजलि ने 7,000 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
इतना ही नहीं पतंजलि स्पोर्ट परिधान, हेल्थ ड्रिंक्स जैसे सेगमेंट में भी अपने प्रोडक्ट पेश करने की तैयारी में जुटी हुई है। इतना ही नहीं विज्ञापन पर खर्च करने के मामले में पतंजलि एफएमसीजी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। हेल्थ कंसलटेशन पर पतंजलि की एप बाजार में आने के बाद यह मौजूदा स्टार्टअप्स को कड़ी टक्कर दे सकती है, जो निवेशकों के पैसे की दम पर अपनी पहुंच बढ़ाने में जुटे हैं। दूसरी ओर पतंजलि ने अपनी पहुंच और उत्पादन बढ़ाने के लिए इस साल 1,000 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है और उनका यह नया ऑनलाइन हेल्थ स्टार्टअप एक महत्वपूर्ण संपत्ति साबित हो सकता है।