नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने लॉन्च होने के चार माह के भीतर ही कोरोनिल किट की 25 लाख यूनिट बेच ली हैं। शुरुआत में इस आयुर्वेदिक फॉर्मूले को कोरोना वायरस संक्रमण को ठीक करने वाला बताया गया था, जिसकी वजह से इसकी मांग भारत और विदेशों में खूब रही।
योग गुरु बाबा रामदेव की हर्बल मेडिसिन कंपनी ने 23 जून को यह दावा किया था कि उसने दो आयुर्वेद दवाओं कोरोनिल और स्वसारी के मिश्रण से कोरोना वायरस इलाज की दवा खोज ली है, जो सात दिन में इस जानलेवा संक्रमण को शरीर के अंदर से खत्म कर देती है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 18 अक्टूबर तक पतंजलि ने कोरोनिल किट की 25 लाख यूनिट बेच ली हैं, जिससे कंपनी को 250 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है। कोरोनिल किट को लॉन्च हुए अभी चार महीने ही हुए हैं। 25 लाख कोरोनिल किट्स में से कुछ ऑनलाइन खरीदी गई हैं, कुछ डायरेक्ट मार्केटिंग और जनरल मार्केटिंग और अन्य पतंजलि के भारत और विदेशों में फैले विभिन्न डिस्पेंसरीज और मेडिकल सेंटर्स के जरिये बेची गई हैं।
दिव्य स्वसारी कोरोनिल किट को पतंजलि आयुर्वेद द्वारा 23 जून को लॉन्च किया गया था और इसके तुरंत बाद यह विवादों में घिर गई थी। क्योंकि इसे कोरोना की दवा कहकर बेचा जा रहा था। आयुष मंत्रालय द्वारा पतंजलि को कोरोनिल को कोरोना वायरस की दवा बताकर बेचने से रोकने के बाद बाबा रामदेव की कंपनी ने तुरंत अपने दावे पर यूटर्न लेते हुए इसे इम्यूनिटी बूस्टर बताया। इसके बाद कंपनी कोरोनिल किट की बिक्री और प्रचार इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर कर रही है।
जून में, आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद को कोरोना वायरस दवा के नाम पर कोरोनिल किट की बिक्री और प्रचार पर रोक लगाई थी। इसके बाद राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार ने अपने-अपने राज्यों में कोरोनिल किट की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया था। मद्रास हाईकोर्ट ने 6 अगस्त को पतंजलि को अपने इम्यूनिटी बूस्टिंग प्रोडक्ट्स के लिए कोरोनिल ब्रांडिंग का उपयोग करने से रोक दिया। यह फैसला चेन्नई की अरदूरा इंजीनियरिंग प्रा. लि. द्वारा पतंजलि के खिलाफ दर्ज ट्रेडमार्क मामले पर सुनवाई के बाद आया। पतंजलि ने इसके बाद अपनी दवा का नाम बदलकर दिव्य कोरोना किट कर दिया।